रातों- रात खाली हो गया पूरा गांव, यहां भटकते हैं भूत प्रेत
कुलधरा गांव, राजस्थान (Photo Credit: Wikimedia Commons)

भारत में ऐसे बहुत से रहस्य हैं जिन्हें बहुत कम लोग ही जानते हैं. राजस्थान (Rajasthan) के कुलधरा गांव (Kuldhara Village) से जुड़ा रहस्य भी कुछ ऐसा ही है, जिसे लोग नहीं जानते हैं. ये रहस्य कुछ ऐसे हैं जिन्हें जितना सुलझाने की कोशिश की जाती है ये उतना ही उलझते जाते हैं. कोई कहता है कि कुलधरा की भूमि पर सैकड़ों वर्षों से भटकती आत्माओं का पहरा है तो कोई यह मानता है एक श्राप ने इस गांव की तकदीर बदल दी. जैसलमेर से करीब 18 किलोमीटर दूरी पर कुलधरा नाम का एक छोटा सा गांव है. कहते हैं सन 1291 के आसपास यहां रईस और मेहनती पालीवाल ब्राह्मण रहते थे. इन ब्राह्मणों ने 600 घरों वाले इस गांव को बसाया था. यह भी माना जाता है कि कुलधरा के आसपास 84 गांव थे और इन सभी में पालीवाल ब्राह्मण ही रहा करते थे.

कुलधरा गांव (Photo Credit: Wikipedia)

पालीवाल ब्राह्मणों का समुदाय सामान्यत खेती और मवेशी पालन पर निर्भर रहता था. जिप्संम की परत बारिश के पानी को भूमि में अवशोषित होने से रोकती और इसी पानी से पालीवाल ब्राह्मण अपने खेतों को सींचते थे. यह ब्राह्मण खुशहाल जीवन बिता रहे थे. उनपर वहां के दीवान सालम सिंह की बुरी नज़र पड़ गई. सालम सिंह को एक ब्राह्मण लड़की पसंद आ गई और वो उसे पाने की हर संभव कोशिश करने लगा. जब उसकी सारी कोशिशें नाकाम हो गईं तब उसने गांव वालों को धमकी दी, या तो पूर्णमासी तक वे उस लड़की को उसे सौंप दें नहीं तो वो खुद उसे उठाकर ले जाएगा. गांव वालों के सामने एक लड़की के सम्मान को बचाने की चुनौती थी. वह चाहते तो एक लड़की की आहुति देकर पूरे गांव, घर बचा सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

कुलधरा गांव (Photo Credit : Wikimedia Commons)

एक रात 84 गांव के सभी ब्राह्मणों ने बैठकर एक फैसला लिया कि वे रातों- रात इस गांव को खाली कर देंगे लेकिन उस लड़की को कुछ नहीं होने देंगे. बस एक ही रात में कुलधरा समेत आसपास के सभी गांव खाली हो गए. जाते-जाते वे लोग इस गांव को श्राप दे गए कि इस स्थान पर कोई भी नहीं बस पाएगा, जो भी यहां आएगा वह बरबाद हो जाएगा. कुलधरा की सुनसान और बंजर जमीन का पीछा वह श्राप आज तक कर रहा है. जिसने भी उन मकानों में रहने या उस स्थान पर बसने की हिम्मत की वह बर्बाद हो गया.

कुलधरा गांव (Photo Credit: Wikipedia)

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इस जगह से जुड़ी एक और कहानी है जिसके अनुसार कुलधरा गांव को कुलधार ब्राह्मणों ने बसाया था, लेकिन यहां का राजा इतना क्रूर था कि वह अपनी जनता को जीने की आजादी तक नहीं देता और मनमाने तरीके से उनका शोषण करता था. वह उन्हें मारता-पीटता और अपने गुलामों की तरह रखता था. उसके अत्याचार से गांववाले बहुत परेशान थे. सभी ने यह निश्चय किया कि वे उस गांव को छोड़कर चले जाएंगे. जाते समय वे इस गांव को कभी ना मिटने वाला एक श्राप दे गए जो आज भी इस जगह को बसने नहीं देता.

कुलधरा गांव (Photo Credit: Wikimedia Commons

यह गांव पूरी तरह उजड़ गया है. लेकिन उजड़ने के बाद भी यह एक पर्यटक स्थल बना हुआ है. जो भी पर्यटक यहां आते हैं उन्हें यहां कुछ अजीबोगरीब अहसास होने लगते हैं. किसी को आसपास चूड़ियों और महिलाओं के खिलखिलाने की आवाज आती है तो किसी को लगता है जैसे कोई उनके पास से गुजरा है. इतिहासकारों के अनुसार पालीवाल ब्राह्मण बहुत अमीर थे, उनके पास सोने के बहुमूल्य आभूषण थे, जिन्हें वे जमीन में गाड़कर रखते थे. जब यह गांव खाली हुआ तब यहां सोने के लालच में कई लोग आए और खुदाई करके जो सोना था वो लेकर भाग गए.

कुलधरा गांव (Photo Credit: Wikimedia Commons

इस जगह पर लगे श्राप की बात को मनगढ़ंत मानकर कई लोग यहां आए और एक रात रुका, लेकिन जो भी यहां रात में रुका कभी वापस नहीं जा पाया. उसका नामोनिशान तक नहीं मिला.