शिक्षा किसी भी देश के विकास, समृद्धि और संस्कारों का आईना होता है. शिक्षा और शिक्षकों के इन्हीं महत्वों को देखते हुए प्रत्येक वर्ष 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है. यह दिवस शिक्षकों की स्थिति से संबंधित 1966 अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और यूनेस्को (UNESCO) अनुशंसा को अपनाने की वर्षगांठ की याद दिलाता है, जो शिक्षकों के अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में मानक निर्धारित करता है, और उनकी प्रारंभिक तैयारी और आगे की शिक्षा, भर्ती, रोजगार और शिक्षण और सीखने की स्थितियों के लिए मानक तय करता है. गौरतलब है कि साल 1994 से विश्व शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. बदलते दौर विशेष रूप से डिजिटल हो रही दुनिया में शिक्षा और शैक्षणिक स्तर में काफी बदलाव आया है. विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर यह स्थिति एक शिक्षक के लिए कल्याणकारी है अथवा चुनौतियां आइये जानते हैं
डिजिटल शिक्षा में शिक्षक की भूमिका
आज शिक्षक महज पाठ्यक्रम का ज्ञान देने वाले नहीं, बल्कि ज्ञान के स्रोत बन चुके है. वे छात्रों को विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करने के लिए उचित मार्गदर्शन करते हैं. दरअसल डिजिटल शिक्षा में छात्रों को उचित दिशा-दशा एवं मानसिक और भावनात्मक समर्थन की आवश्यकता होती है. शिक्षक उन्हें इसी दिशा में मदद कर सकते हैं. शिक्षक छात्रों को न केवल ज्ञान देते हैं, बल्कि उन्हें नवाचार एवं रचनात्मकता के लिए भी प्रेरित करते हैं. डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता तथा उनका सही उपयोग करते हुए शिक्षक कक्षा के अनुभवों को और भी प्रभावी बना सकते हैं. वे ई-लर्निंग, ऑनलाइन क्विज आदि का उपयोग कर सकते हैं. शिक्षक छात्रों में ऑनलाइन सुरक्षा और नैतिकता के महत्व को भी रोपित कर सकते हैं. यह भी पढ़ें : Indian Air Force Day 2024: विश्व की तीसरी शक्तिशाली है भारतीय वायुसेना! जानें भारतीय वायुसेना दिवस पर कुछ रोचक बातें!
क्या हैं चुनौतियां?
अमूमन देखा जा रहा है कि पुराने ढर्रे के ट्रेंड शिक्षक डिजिटल उपकरणों और नई तकनीकों का का ज्ञान नहीं रखते, जिसकी वजह से नई पीढ़ी के छात्रों को शिक्षा देने में बाधाएं आ रही हैं. ऑनलाइन शिक्षण से व्यक्तिगत संपर्क कम होने से छात्रों के साथ उनका उचित तरीके से जुड़ाव नहीं हो पाता. इसके साथ ही सभी स्कूलों एवं शिक्षकों के पास उच्च गुणवत्ता वाले तकनीकी संसाधन उपलब्ध नहीं होते, जो ऑनलाइन शिक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. वहीं कुछ छात्रों को विभिन्न कारणों से घर पर तकनीकी सहायता अथवा परिवेश नहीं मिलता, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित होती है, और यह बात उसके शिक्षक के लिए काफी चुनौती भरी होती है. ऐसे में ऑनलाइन शिक्षा में छात्रों की प्रगति और सहभागिता को किसी भी शिक्षक या शिक्षण संस्थान के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है.