Surya Grahan 2020: इस बार 21 जून का समय कई कारणों से विशेष माना जा रहा है. इस विश्व योगा दिवस (International Yoga Day) के दिन ही लगने वाले सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) के बारे में भी तरह-तरह की बातें सुर्खियां बन रही हैं. विशेष रूप से इस बात पर कि इस बार के इस खगोलीय घटना को कुछ ग्रह अपनी उल्टी सीधी चालों से कुछ जातकों को परेशान कर सकते हैं. हमारे ज्योतिषाचार्य श्री रवींद्र पाण्डेय की मानें तो साल के इस पहले सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) पर व्यापक रूप से विश्व व्यापी उलटफेर हो सकते हैं. विशेषकर अर्थ व्यवस्था पर इस ग्रहण का प्रभाव बहुत अच्छा नहीं दिख रहा है. सूर्य ग्रहण के इस काल में ऐशियाई देश ही नहीं बल्कि युरोपीय देशों में भी काफी उलट-फेर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
श्री रवींद्र पाण्डेय ने गत वर्ष के सूर्य ग्रहण की तुलना इस सूर्य ग्रहण से करते हुए बताया कि गत वर्ष 26 दिसंबर 2019 को धनु राशि एवं मूल नक्षत्र काल में जो सूर्य ग्रहण लगा था, उस समय छह ग्रह शनि केतू, गुरू, बृहस्पति बुध एवं चंद्रमा मीन राशि में थे, और इन ग्रहों के संयोग ने पूरी दुनिया को कोरोनावायरस की महामारी में जकड़ लिया, जबकि इस वर्ष 21 जून 2020 को मिथुन राशि में अमावस्या तिथि को मृगशिरा नक्षत्र में जो सूर्य ग्रहण लगने वाला है, उस दौरान भी छह ग्रह शनि, गुरू, शुक्र, बुध एवं राहु एवं केतु वक्री अवस्था में होंगे. यह भी एक अजीब संयोग बन रहा है, इसीलिए ज्योतिष जगत की निगाहें इस सूर्य ग्रहण पर टिकी हुई हैं. चूंकि यह सूर्य ग्रहण रविवार के दिन जो वस्तुतः सूर्यदेव का दिन माना जाता है उस दिन लग रहा है, इसलिए इसके विशेष महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता. रविवार के दिन पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को 'चूड़ामणि ग्रहण' भी कहा जाता है. यह भी पढ़ें: Surya Grahan 2020 Sutak: कब लगेगा सूर्य ग्रहण का सूतक, यहां जानें इस दौरान क्या करें और क्या नहीं, बरतें ये सावधानियां
चूंकि गत 26 दिसंबर 2019 के सूर्य ग्रहण के बाद कोरोनावायरस (Coronavirus) जैसी महामारी का व्यापक प्रभाव सारी दुनिया में देखा गया, इसलिए छह माह बाद 21 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर कुछ ज्यादा सतर्क एवं सजग हैं. ज्योतिषाचार्यों का भी मानना है कि इस सूर्य ग्रहण के व्यापक प्रभाव की संभावनाओं को देखते हुए हर मनुष्य को यह जानना समझना होगा कि उन्हें किन-किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा.
ग्रहण काल में क्या करें?
- जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी शिकायत है, उसे श्री महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके लिए किसी योग्य गुरुजी से सुझाव जरूर लें.
- ग्रहण से पूर्व एवं ग्रहण के पश्चात स्नान आवश्यक रूप से करना चाहिए.
- इस दौरान सूर्य उपासना के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत्र या सूर्य अष्टक स्तोत्र का पाठ करें या किसी
भी सूर्य-मंत्र का जाप करें.
- रसोई में पकी वस्तुएं अथवा खाने पीने की अन्य वस्तुओं में ग्रहण से पूर्व तुलसी का पत्ता अवश्य रखें.
- अलबत्ता पके हुए भोजन का ग्रहण काल के बाद सेवन नहीं करना चाहिए.
- बेहतर होगा कि सूर्य ग्रहण के दरम्यान किसी भी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करें, बस पूजा-अनुष्ठान नहीं करें.
- मान्यता है कि चूड़ामणि सूर्य ग्रहण के बाद स्नान-दान का विशेष महत्व है, लेकिन कोविड-19 के कारण घर में ही स्नान करें.
- यदि आपकी जन्म राशि एवं जन्म लग्न मिथुन अथवा सिंह है तो सूर्यदेव को जलाभिषेक जरूर करें.
- मृगशिरा अथ वा आर्द्रा नक्षत्र में जन्में लोगों को सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य उपासना आवश्यक होता है. यह भी पढ़ें: Surya Grahan 2020 Sutak Time: कब लगेगा सूर्य ग्रहण का सूतक, जानें इस अवधि के दौरान बरतनी चाहिए कौन सी सावधानियां
ग्रहण काल में क्या न करें?
- सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन बनाना अथवा भोजन परोसना उचित नहीं होगा.
- छोटे एवं नासमझ बच्चों तथा 70 से ज्यादा साल के बुजुर्गों के खाने-पीने पर प्रतिबंध नहीं लगाएं.
- इस दौरान घर के मंदिर के कपाट बंद रखें अथवा पर्दा लगा दें. ग्रहण काल में किसी भी देवी देवता
की प्रतिमा को स्पर्श करने से बचें.
- सूर्य ग्रहण काल में ना ही सोयें और ना ही पत्नी के साथ बिस्तर शेयर करें.
- इस दौरान किसी भी तरह की कटाई, बुनाई अथवा सिलाई नहीं करनी चाहिए.
- गर्भवती महिलाएं अपने बच्चों की विशेष सुरक्षा रखें, सूर्य ग्रहण देखने से बचने के लिए बाहर न निकलें.
- सूर्य ग्रहण में सूतक काल के दौरान नाखून एवं बाल ना काटें. तेल मालिश, दाढ़ी बनवाने आदि से परहेज करें.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.