Sesame Seeds: तिल के बीज स्वादिष्ट व्यंजनों या पूजा के अलावा सेहत के लिए भी बेहद गुणकारी है! जानें इसके छः फायदे!
Sesame Seeds

तिल का बीज देखने में भले छोटे-छोटे हों, मगर ये तमाम गुणों से भरपूर होते हैं. तिल के बीज देश-विदेश में विभिन्न व्यंजनों में प्रयुक्त होने वाला महत्वपूर्ण घटक है. तिल एवं इसके तेल के विभिन्न लाभकारी उपयोग होते है. कई लोग तिल के तेल से विभिन्न किस्म के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं तो आध्यात्मिक लोग तिल का इस्तेमाल धार्मिक कर्मकाण्डों एवं इससे ईश्वर के सामने दीप प्रज्वलित करते हैं, क्योंकि तिल को बहुत पवित्र माना गया है. लेकिन यहां हम स्वाद एवं अध्यात्म से दूर तिल एवं इसके तेल से सेहत सुधारने की बात करेंगे. आइये जानें तिल में कौन-कौन से औषधीय गुण होते हैं, जो हमारी सेहत और सौंदर्य के लिए भी बहुपयोगी हो सकते हैं.

फाइबर का अच्छा स्रोत!

3 बड़े चम्मच छिलका रहित तिल (करीब 30 ग्राम), से लगभग 3.5 ग्राम फाइबर हमारे शरीर को प्राप्त होता है, जो रेफरेंस डेली इनटेक (आरडीआई) का 12% बताया जाता है. चूंकि संयुक्त राज्य अमेरिका में औसत फाइबर सेवन आरडीआई का केवल आधा है. तिल का बीज नियमित रूप से खाने से फाइबर बढ़ता है. यह फाइबर पाचन क्रिया में सहायक साबित होते हैं. इसके साथ ही फाइबर ह्रदय रोग, कुछ अंग विशेष वाले कैंसर, मोटापा और मधुमेह (टाइप-2) के जोखिम को कम करता है.

लो ब्लड प्रेशर में लाभकारी होता है!  

तिल के बीज में उच्च मैग्नीशियम होते हैं, जो लो ब्लड प्रेशर में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा तिल में लिग्नांस, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट भी धमनियों में प्लाक बिल्डअप को रोकने में लाभकारी हो सकते हैं. साथ ही विशेष परिस्थितियों में स्वस्थ रक्तचाप बनाये रख सकते हैं. एक अध्ययन में हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों ने प्रतिदिन 2.5 ग्राम काले तिल के पाउडर का सेवन किया. माह के अंत में उन्होंने सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर में 6 % की कमी का अनुभव किया.

हड्डियों को स्वस्थ रख सकते हैं!

तिल के दोनों ही बीज (छिलके अथवा बिना छिलके वाले) तमाम पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होते हैं.  तीन बड़े चम्मच तिल (करीब 30 ग्राम) ऑक्सालेट्स और फाइटेट्स नामक यौगिक होते हैं, जो उन खनिजों के अवशोषण को कम करते हैं. बेहतर होगा कि तिल का सेवन करने से पूर्व उन्हें भिगो लें अथवा भून लें. क्योंकि तिल को भिगोने, भूनने या अंकुरित करने से इन खनिजों के अवशोषण में सुधार हो सकता है.

विटामिन बी का बेहतर स्रोत!

तिल का बीज छिलके सहित या बिना छिलके दोनों ही रूपों में विटामिन बी का अच्छा स्रोत होता है. छिलके निकालने से विटामिन बी का कुछ अंश निकल सकता है. तीन चम्मच तिल (करीब 30 ग्राम) प्रचुर मात्रा में विटामिन बी प्रदान करते हैं, जिसमें सेल फंक्शन एवं मेटाबॉलिज्म भी शामिल है. ध्यान रहे कि तिल के बीज में थायमिन, नियासिन और विटामिन बी-6 का अच्छा स्त्रोत है, जो मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है. यह भी पढ़ें : Blood Test To Detect Breast Cancer Early: अब Blood Test से पता चलेगा महिला को स्तन-कैंसर है या नहीं? जानें क्या है, ‘इजीचेक ब्रेस्ट’ जांच

रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है!

रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने की स्थिति में तिल का सेवन अवश्य करना चाहिए. तिल में ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं. तीन बड़े चम्मच (करीब 30 ग्राम) अंकुरित अथवा भुने हुए तिल के बीज में प्रचुर मात्रा में आयरन, कॉपर, और विटामिन बी-6 की आपूर्ति करते हैं, जो कोशिकाओं के निर्माण और कार्य के लिए आवश्यक होते हैं.

ब्लड शुगर नियंत्रित करता है!

तिल में कार्बोहाइड्रेट्स कम होते हैं, जबकि प्रोटीन और स्वस्थ वसा उच्च स्तर में होते हैं. ये सारे तत्व ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं. इसके अलावा तिल में पिनोरेसिनॉल होते हैं, जो पाचन एंजाइम माल्टोज की क्रिया को रोक कर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है. माल्टोज शुगर को तोड़ता है, जिसका उपयोग कुछ खाद्य उत्पादों के लिए स्वीटनर के रूप में कार्य करता है.