स्तन-कैंसर के पहले स्टेज को पहचानने की दिशा में ‘इजी चेक ब्रेस्ट’ चिकित्सा जगत की बड़ी तकनीकी एवं क्रांतिकारी सफलता मानी जा रही है. कैंसर के उपचार में हमेशा से उच्च स्तरीय तकनीकों का इस्तेमाल करनेवाले भारत का सर्वश्रेष्ट प्राइवेट कैंसर अस्पताल अपोलो कैंसर सेंटर ने पिछले दिनों दातार कैंसर जेनेटिक्स के सहयोग से कैंसर के इलाज में अप्रतिम क्रांति आई है. इस उपचार के तहत अब आम महिलाओं का ब्लड टेस्ट कर कैंसर की प्रारंभिक अवस्था का पता लगाया जा सकता है, ताकि पीड़िता को शुरुआती दौर में ही कैंसर का निदान कर उसकी जिंदगी बचाई जा सके.
पिछले कुछ अर्सा से कैंसर के निरंतर बढ़ते मामलों और इस पर सामाजिक चर्चाओं के आदान-प्रदान ने ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में अप्रतिम तकनीकी विकास के तहत ‘इजीचेक ब्रेस्ट’ तकनीक को जन्म दिया है. देश के सुविख्यात अपोलो कैंसर सेंटर ने आम महिलाओं से गुजारिश की है कि वे स्वयं को स्तन कैंसर के जोखिम से सुरक्षित रखने के लिए अपने रक्त का नियमित जांच करवायें. एक मामूली रक्त जांच द्वारा ‘इजीचेक ब्रेस्ट’ तकनीक से स्तन कैंसर को उसके पहले स्तर में पहचानने में मदद करता है. ‘इजीचेक ब्रेस्ट’ तकनीक संपूर्ण भारत में 22 जून से उपलब्ध है. यह भी पढ़ें : International Widows Day 2022: 23 जून को ही क्यों मनाया जाता है? अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस? जानें इस दिवस विशेष के पीछे क्या है भारत की भूमिका?
इस अवसर पर अपोलो अस्पताल के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ प्रताप रेड्डी ने बताया कि समय से पूर्व कैंसर का पता लगाने और विश्व स्तरीय कैंसर के इलाज के बारे में लोगों को जागरूक करने की हमारी योजनानुसार ‘इजीचेक ब्रेस्ट’ एक बड़ी सफलता है, जो गुणवत्तापूर्ण तकनीकी विकास के साथ मृत्यु-दर को काफी कम करने के लिए समय पर निदान एवं उपचार सुनिश्चित करती है.
दातार कैंसर जेनेटिक्स के साथ हुए सहयोग ने एक बड़ी सफलता हासिल की है, और अपोलो कैंसर सेंटर में, हम स्तन कैंसर का उपचार करने के लिए उत्तम, उन्नत एवं उपचार के सर्वश्रेष्ठ उपकरणों से सुसज्ज हैं. मैं अपने परिवार के सारे दायित्व वहन करने वाली हर महिलाओं से अनुरोध करता हूं कि वे अपने घर से बाहर आयें और साल में कम से कम एक बार अपना ब्लड टेस्ट करवायें और सुनिश्चित करें कि वे कैंसर मुक्त हैं. मैं स्पष्ट कर दूं कि अपोलो कैंसर सेंटर अपने रोगियों के निदान से लेकर उपचार तक उनके साथ खड़ा है, और उन्हें कैंसर मुक्त जीवन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
दातार कैंसर जेनेटिक्स के संस्थापक और अध्यक्ष श्री राजन दातार ने परीक्षण के संदर्भ में बताया, दुर्भाग्य से ज्यादातर कैंसर की जांच उच्च स्तरों पर की जाती है, जिसके लिए अधिक गहन और महंगे इलाज की जरूरत होती है, जिसमें तमाम साइड इफेक्ट के साथ उपचार में विफलताओं का भी जोखिम रहता है. ‘ईजीचेक ब्रेस्ट’ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए सालों के अनुसंधान एवं नवप्रवर्तनों (Innovations) का प्रतिफल है. यह सामान्य ब्लड टेस्ट बिना किसी लक्षण वाली महिलाओं में भी कैंसर का समय से पूर्व पता लगाने का विश्वास दिलाती है, जो उसके सफल इलाज और कैंसर से बचने की संभावनाएं पैदा करती हैं.
इस अवसर पर ग्रुप ऑन्कोलॉजी एंड इंटरनेशनल, अपोलो हॉस्पिटल एंटरप्राइजेज लि के अध्यक्ष श्री दिनेश माधवन ने कहा, ‘इजीचेक ब्रेस्ट’ की लांचिंग के साथ, अपोलो कैंसर सेंटर और दातार जेनेटिक्स यह सुनिश्चित करता है कि हम बहुत जल्दी कैंसर की पहचान करें, और यही कैंसर पर जीत का पहला कदम है. गौरतलब है कि स्तन कैंसर की देर से पहचान होने के कारण ही स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं में उच्च मृत्यु-दर एकमात्र कारण था. लेकिन ‘ईजीचेक ब्रेस्ट’ के साथ ही इस मूल कारण को भी जल्द पहचान कर उसे सफल बनायेंगे.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्तन कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला आम कैंसर है. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में ब्रेस्ट कैंसर की संख्या सर्वाधिक कहे जाने वाले फेफड़े के कैंसर को भी पार कर गयी. एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में कैंसर के सभी मामलों की तुलना में ब्रेस्ट कैंसर 11.7 प्रतिशत के साथ सबसे आगे हैं. ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए कहा जा रहा है कि आगामी 2030 तक इसके लगभग 2 मिलियन (20 लाख) की संख्या पार करने की संभावना है. भारत में साल 1965 से 1985 के बीच स्तन कैंसर में लगभग 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी. भारत में इसके मामलों की अनुमानित संख्या 2016 में 1,18000 थी. आंकड़ों के मुताबिक भारत में कैंसर के कुल मामलों में स्तन कैंसर की हिस्सेदारी 13.5 प्रतिशत (1,78,361) और 2020 में 10.6 प्रतिशत (90,408) थी. ईजी चेक-ब्रेस्ट के साथ कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने और नियमित जांच के लिए अपने मिशन के अनुरूप अपोलो कैंसर सेंटर समय से पूर्व पहचान और उसके संपूर्ण उपचार के बारे में सही जानकारी को अति शीघ्र पूरा करना है.