International Day of Happiness 2019: अच्छी हेल्थ के लिए जरूरी है खुश रहना, जानिए क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस
इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस 2019 (Photo Credits: Pixabay)

International Day of Happiness 2019: खुश रहें (Stay Happy), खुशहाल बनें... जी हां, प्रसन्नता यानी खुशी सेहतमंद जीवन (Healthy Life) की सबसे बड़ी कुंजी है. हालांकि आज के इस दौर में लोग पैसा कमाने की होड़ में इस कदर लगे हुए हैं कि उनके दिन का चैन और रातों की नींद तक हराम हो गई है. पैसा कमाने की दौड़ में लोग इतने आगे बढ़ चुके हैं कि वो खुलकर हंसना, मुस्कुराना, खुश रहना और परिवार के साथ समय बिताना जैसी चीजों को पीछे छोड़ने लगे हैं. लोगों को खुशी (Happiness) और खुशहाल जीवन (Happy Life) की अहमियत को समझाने के मकसद से ही हर साल 20 मार्च को इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस यानी अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) मनाया जाता है.

स्पेशल है इस डे की थीम

हर साल इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस को अलग-अलग थीम के हिसाब से सेलिब्रेट किया जाता है. हर साल की तरह इस साल भी एक विशेष थीम रखी गई है. इस बार की थीम है 'Happier Together' जिसका मतलब है 'एक साथ खुश'. इस थीम को चुनने का मकसद है उन चीजों की तरफ ध्यान देना जो हम सब में एक जैसी है और वो है खुशी. हर कोई खुश रहना चाहता है और जब हम अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुश रहते हैं तो जिंदगी पहले से ज्यादा खुशहाल और हेल्दी नजर आती है.

क्या है इस दिन का महत्व?

इसमें कोई दो राय नहीं है कि खुश रहने के लिए किसी खास दिन या खास मौके की कोई जरूरत नहीं होती है, लेकिन आजकल लोग चिंता, डिप्रेशन और टेंशन से इस कदर घिरे हुए हैं कि खुश रहना ही भूल गए हैं. लोग व्यस्तता के बावजूद भी खुश रहें और खुश रहने की अहमियत को अच्छी तरह से समझ सकें, इसके लिए 20 मार्च का दिन दुनिया भर में हैप्पीनेस डे के तौर पर मनाया जाता है. दरअसल, इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने साल 2013 से की थी. यह भी पढ़ें: World Sparrow Day 2019: विश्व गौरैया दिवस आज, इस नन्ही चिड़िया के अस्तित्व को बचाना दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती

हैप्पीनेस डे का इतिहास

इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाए जाने का श्रेय समाज सेवी, कार्यकर्ता और संयुक्त राष्ट्र के विशेष सलाहकार रहे जेमी इलियन को जाता है. उन्होंने ही इस दिवस की अवधारणा और रूप रेखा तैयार की थी. उनका मकसद खुशी की तलाश को मानवीय अधिकारों और बुनियादी लक्ष्य में शामिल करना था. दरअसल, 12 जुलाई 2012 को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में प्रस्ताव 66/ 281 के तहत हर साल इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाने की घोषणा की गई और इस प्रस्ताव को यूएन के सभी 193 देशों ने स्वीकार किया. बता दें कि यूएन में इस प्रस्ताव को भूटान ने पेश किया था, जो साल 1970 से ही राष्ट्रीय आय की तुलना में राष्ट्र की खुशहाली को अहमियत देता आया है.

अच्छी सेहत का राज है खुशी 

अगर आप लंबे समय तक स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रहना चाहते हैं तो खुश रहना सीख लीजिए, क्योंकि खुशी में अच्छी सेहत का राज छुपा है. दरअसल, शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता जितनी अच्छी होगी, शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत उतनी ही ज्यादा मिलेगी. खुश रहने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियां भी आस-पास भटकने से घबराती हैं. इतना ही नहीं इसका मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमेशा खुश रहिए और स्वस्थ रहिए.