Satta Matka: सट्टा मटका, जिसे कभी "अंकड़ा जुगार" के नाम से जाना जाता था, भारत में एक बेहद बड़े पैमाने पर खेले जाने वाला लेकिन अवैध जुआ खेल है. यह खेल संख्याओं का अनुमान लगाने और इनाम जीतने पर आधारित है. आइए जानते हैं सट्टा मटका का इतिहास, इसे खेलने का तरीका और इसके गैरकानूनी होने के बावजूद इसकी लोकप्रियता का कारण.
1950 के दशक में, सट्टा मटका की शुरुआत कपास के व्यापार से हुई थी. उस समय, लोग न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज पर कपास के भावों के खुलने और बंद होने की भविष्यवाणी पर सट्टा लगाते थे. जब न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज बंद हुआ, तो सट्टा का यह तरीका बंद हो गया.
कैसे शुरू हुआ नया रूप
पाकिस्तान के सिंध से आए रतन खत्री ने इसे "मटका" नाम दिया. "मटका" का मतलब है मिट्टी का बर्तन, जिसमें से नंबर निकाले जाते थे.
सट्टा मटका में खिलाड़ियों को एक निश्चित संख्या का अनुमान लगाना होता है. खिलाड़ी 0 से 9 तक की तीन संख्याएं चुनते हैं. इन तीन संख्याओं का जोड़ किया जाता है. उदाहरण के तौर पर, यदि चुनी गई संख्याएं 2, 5 और 8 हैं, तो इनका जोड़ 15 होगा. आखिरी अंक, यानी 5, गेम के लिए चुना जाता है. इसी प्रक्रिया को दोहराकर एक और नंबर तैयार किया जाता है. इन दोनों अंकों का संयोजन अंतिम परिणाम होता है.
क्यों है यह खेल अवैध?
भारत में जुआ खेलने पर प्रतिबंध है क्योंकि यह आर्थिक समस्याओं को जन्म देता है. परिवारों और समाज को प्रभावित करता है. अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है.
फिर भी क्यों खेलते हैं लोग
लोग कम समय में अधिक पैसा कमाने की चाह में इस खेल की ओर आकर्षित होते हैं. डिजिटल युग में, सट्टा मटका अब ऑनलाइन भी खेला जा सकता है, जिससे इसे रोक पाना और भी कठिन हो गया है. खेल की प्रक्रिया और इसके "गोपनीय" नियम लोगों को आकर्षित करते हैं.
क्या हैं इसके खतरे?
सट्टा मटका में हारने की संभावना ज्यादा होती है, जिससे लोग कर्ज के बोझ में दब जाते हैं. पकड़े जाने पर खिलाड़ियों और संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है. यह समाज में अपराध और धोखाधड़ी को बढ़ावा देता है.
सट्टा मटका भले ही आसान पैसे का सपना दिखाता हो, लेकिन इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं. यह खेल न केवल गैरकानूनी है, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर भी नुकसानदायक है.
डिस्क्लेमर: सट्टा मटका या इस तरह का कोई भी जुआ भारत में गैरकानूनी है. हम किसी भी तरह से सट्टा / जुआ या इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों को प्रोत्साहित नहीं करते हैं.