Rules of Navratri Fasting 2022: नवरात्रि व्रत रख रहे हैं तो करें इन नियमों एवं मुहूर्त का पालन! जानें विज्ञान की नजर में भी क्यों हैं ये व्रत महत्वपूर्ण?
दुर्गा पूजा 2022 (Photo Credits: File Image)

 सनातन धर्म में इस महापर्व का मुख्य संदेश है बुराई पर अच्छाई की विजय. इन नौ दिनों तक श्रद्धालु उपवास रखते हैं और माँ दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं.

   नवरात्रि मूलतः माँ दुर्गा की आस्था के प्रति यह व्रतों का पर्व है. नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में अधिकांश लोग पहले और नवमी के दिन व्रत रखते हैं, लेकिन बहुत सारे लोग पहले दिन से नौवें दिन तक निरंतर 9 दिन का व्रत रखते हैं. अष्टमी अथवा नवमी के दिन 9 कन्याओं और एक बच्चे को भोजन खिलाकर उन्हें उपहार आदि देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इन 9 कन्याओं की दुर्गा जी की 9 शक्तियों के रूप में, जबकि बच्चे को काल भैरव के रूप में पूजा जाता है. हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रि व्रत का काफी महत्व है, लेकिन इन व्रतों के कुछ नियम भी हैं, जिनका जिक्र हम यहां करेंगे. यह भी पढ़ें: शारदीय नवरात्रि की हार्दिक बधाई! भेजें ये भक्तिमय Quotes, WhatsApp Wishes, GIF Greetings, Photo SMS

नवरात्रि व्रतों का महत्व

   हिंदू धर्म के अनुसार नवरात्रि के नौ दिन बहुत पावन एवं महत्वपूर्ण होते हैं. नौ दिन के उपवास से तन-मन और आत्मा की शुद्धि होती है. विधि-विधान से रखे गये व्रत एवं पूजा-अनुष्ठान से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है, जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत का वैज्ञानिक महत्व भी है. नवरात्रि के दोनों पर्व (चैत्र मास एवं आश्विन मास) अमूमन दो ऋतुओं की संधिकाल में पड़ता है. ऐसी स्थिति में शरीर में वात, पित्त, कफ आदि की शिकायत खूब आती हैं. इस वजह से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे में जब आप नौ दिन उपवास रखते हैं तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, पाचन तंत्र सुचारु कार्य करता है. इस वजह से छोटे-मोटे रोग नहीं पनपते. घर में हवन-ध्यान आदि से वातावरण शुद्ध होता है. इस तरह दोनों ही तरह मनुष्य तन और मन से प्रफुल्लित होता है.

व्रत के लिए क्या करें, क्या न करें

* आप चाहें नवरात्रि का पहला और आखिरी व्रत रखें या पूरे नौ दिन का, इस दरम्यान ना मद्यपान करें और ना ही किसी प्रकार का तामसिक भोजन करें.

* व्रत के दरम्यान चावल एवं गेहूं से बने व्यंजनों का सेवन नहीं करें. व्रत के दरम्यान कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, बाजरा और साबूदाना से बने व्यंजनों का सेवन करें.

* व्यंजनों में सेंधा नमक का सेवन करें, सादा नमक का इस्तेमाल कत्तई नहीं करें.

* नवरात्रि के दौरान भोजन के लिए रिफाइंड ऑयल के बजाय शुद्ध घी अथवा मूंगफली के तेल से फलाहारी व्यंजन बनाएं.

* फलाहारी व्यंजन बनाने के लिए हल्दी, हींग एवं लौंग का प्रयोग करें.

* अगर आप व्रत रख रहे हैं तो इस पूरे दिन ना बाल कटवाए और ना ही दाढ़ी.

* नवरात्रि से पूर्व पूरे घर की साफ-सफाई करवा लें, क्योंकि देवी स्वच्छ घरों में ही आगमन करती हैं.

* प्रत्येक दिन स्नान के पश्चात स्वच्छ वस्त्र पहनकर देवी की पूजा के समय प्रसाद अवश्य चढ़ाएं.   

* व्रत शुरू करने से पूर्व विधि-विधान के साथ कलश स्थापना अवश्य कराएं.

* किन्हीं कारणवश आप अखंड दीप प्रज्वलित नहीं कर पा रहे हैं तो प्रत्येक दिन पूजा शुरू करने से पूर्व एक दीप अवश्य प्रज्वलित करें.

अश्विन नवरात्रि 26 सितंबर, 2022, शुभ मुहूर्त

प्रतिपदा प्रारंभः 03.23 A.M. (26 सितंबर2022सोमवार) से

प्रतिपदा समाप्त 03.08 A.M. (27 सितंबर2022मंगलवार) से

कलश स्थापना शुभ मुहूर्तः सुबह 6.11 A.M. से 7.51 A.M.

अभिजीत मुहूर्त 11.48 A.M. से 12.36 P.M. तक