माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करना कितना आसान है? जानें किन बातों की सावधानी बरतें और कैसे करें लक्ष्मी-पूजा?  ताकि समृद्धि और ऐश्वर्य आपके कदम चूमे?
मां लक्ष्मी (Photo Credit: File Image)

मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना एवं व्रत करने से जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आती है. लेकिन प्रश्न उठता है कि माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने करना क्या इतना आसान होता है? आखिर क्या और किस तरह प्रसन्न किया जा सकता है माँ लक्ष्मी को?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. भाग्य, यौवन एवं सौंदर्य की देवी मां लक्ष्मी न केवल आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाती है, बल्कि परिवार को भी खुशहाली और घर में बरक्कत बने रहने का आशीर्वाद भी देती हैं. इसलिए अगर आप जीवन में आर्थिक एवं पारिवारिक संकटों से गुजर रहे हैं तो समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान से व्रत एवं पूजा करें. मान्यता है कि मां लक्ष्मी अपने भक्तों के लिए समृद्धि, ऐश्वर्य एवं भौतिक सुखों के द्वार खोलती है, जो शुक्रवार को उनका विधि-विधान से पूजा एवं व्रत करते हैं.

व्रत-पूजा में बेपरवाही से उल्टे परिणाम मिल सकते हैं

देवी-देवताओं को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं होता. व्रत अथवा पूजा में जरा सी बेपरवाही अथवा त्रुटि से वे बहुत जल्दी क्रुद्ध हो जाते हैं, तब बनते काम बिगड़ जाते हैं. माता लक्ष्मी का व्रत, पूजा अनुष्ठान पूरे विधि-विधान से करना चाहिए. अगर आप माता लक्ष्मी की पूजा एवं व्रत कर रहे हैं तो आपको व्रत के सारे नियम तथा माता लक्ष्मी के पूजा विधान के साथ-साथ मंत्रों की जानकारी एवं उसका सही उच्चारण आना चाहिए. मंत्रों के गलत उच्चारण से भी परिणाम उलटे पड़ सकते हैं. ऐसी स्थिति में किसी विद्वान से लक्ष्मी जी की पूजा अनुष्ठान करवाना चाहिए.

पूजा विधि

लक्ष्मी जी की पूजा के लिए एक ऊंची साफ सुथरी चौकी पर स्वच्छ लाल रंग का आसन बिछायें. लक्ष्मी जी की प्रतिमा को कच्चे दूध और उसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर आसन पर उन्हें स्थापित करें एवं सुंदर वस्त्र एवं आभूषण पहनायें. यह कार्य कोई कुंवारी कन्या अथवा सुहागन के हाथों हो तो ज्यादा अच्छा होगा. प्रतिमा के बगल में एक जल से भरा शंख रखें. अब धूप-दीप प्रज्जवलित कर रोली, अक्षत, तुलसी, सुपारी, लाल पुष्प एवं दूध की मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं एवं आंखें बंदकर माँ लक्ष्मी आह्वान इस मंत्र के साथ करें. यह भी पढ़ें : Kamika Ekadashi 2021: कब है कामिका एकादशी? जानें इस व्रत का महात्म्य! पूजा-विधि, मुहूर्त एवं पारंपरिक कथा!

पद्‍मानने पद्‍मिनी पद्‍मपत्रे पद्‍मप्रिये

पद्‍मदलायताक्षि विश्वप्रिये विश्वमनोनुकूले

त्वत्पादपद्‍मं मयि सन्निधस्त्व।।

मंत्र जाप के बाद देवी मां लक्ष्मी की आरती उतारें. इसके बाद नाते-रिश्तेदारों को प्रसाद बांट दें.

इन बातों की सावधानी बरतें

* शुक्रवार का व्रत रख रहे हैं तो सुनिश्चित करें कि कितने शुक्रवार व्रत रखना है?

* क्या व्रत से जुड़ी छोटी-मोटी प्रक्रिया से आप पूरी तरह से परिचित हैं?

* माँ लक्ष्मी का व्रत रखें तो घर की शुद्धता एवं खुद की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें. इसके अलावा इस दिन किसी के बारे में भी न बुरा सोचें ना बुरा करें.

* लक्ष्मी जी की पूजा सुबह सवेरे करना लाभकारी होता है, इसलिए पूजा एवं व्रत की सारी सामग्री की व्यवस्था एक दिन पूर्व ही कर लें.

* पूजा के समय लक्ष्मी जी का आह्वान करने से पूर्व घर के बाहर एवं मंदिर के सामने एक खूबसूरत रंगोली अवश्य बनायें. माँ लक्ष्मी को रंगोली बहुत पसंद है.

* पूजा करते समय स्वच्छ कपड़े पहनें. पूजा के वक्त आपके वस्त्र का रंग काला या नीला नहीं होना चाहिए.