Covid-19 Could Cause Male Infertility: कोरोना वायरस पुरुषों में बांझपन (Male Infertility) का कारण हो सकता है, भले ही वो केवल हल्के रुप से ही इस संक्रमण से क्यों न पीड़ित हों. एक इजरायली अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 को डायग्नोज किए जाने के 30 दिन बाद संक्रमित पुरुष में स्पर्म काउंट (Sperm Count) आधा हो गया. तेल अवीव में शेबा मेडिकल सेंटर (Sheba Medical Centre in Tel Aviv) के डॉक्टर डैन एडर्का (Dr Dan Aderka) ने भी कहा है कि पीड़ित में शुक्राणु की गतिशीलता कथित रूप से प्रभावित हुई थी, लेकिन वैज्ञानिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि क्या कोविड-19 (COVID-19) स्थायी रूप से प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचाता है या नहीं और क्या फ्लू भी स्पर्म काउंट में अस्थायी गिरावट का कारण बनता है.
जेरूशेलम पोस्ट (The Jerusalem Post) ने दावा किया है कि इस रिसर्च को जर्नल ऑफ फर्टिलिटी एंड स्टरलिटी (Journal of Fertility and Sterility) में प्रकाशित किया गया था. इसके साथ ही दावा किया है कि कोरोना वायरस के हल्के लक्षण वाले पुरुषों में भी परिवर्तन देखे गए थे, लेकिन यह पता नहीं है कि रिसर्च में कितने लोग शामिल थे.
हालांकि जर्नल ने आज फिर कहा है कि उसके पास डॉक्टर एडर्का द्वारा अध्ययन से जुड़े किसी पेपर के जमा करने का रिकॉर्ड नहीं है, क्योंकि किसी भी पत्रिका ने अभी तक सार्वजनिक रूप से अध्ययन जारी नहीं किया है. इसका मतलब है कि दुनियाभर के वैज्ञानिक अभी तक इस मेथड़ में स्पष्ट खामियों को इंगित करने का प्रयास कर रहे हैं. फर्टिलिटी पर कोरोना वायरस के प्रभाव का अध्ययन करने वाले कई वैज्ञानिक भी अतीत में इस तरह के दावे कर चुके हैं. यह भी पढ़ें: Brucellosis Outbreak in China: चीन में तेजी से फैल रहा है ब्रुसेलोसिस बैक्टीरिया का प्रकोप, बड़ी संख्या में लोग हो रहे हैं इसके शिकार
शेफिल्ड विश्वविद्लायल में एक एंड्रोलॉजिस्ट और ब्रिटिश फर्टिलिटी सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर एलन पेसी ने मेलऑनलाइन को बताया कि अगर कोरोना वायरस शुक्राणु उत्पादन में अस्थायी गिरावट का कारण बनता है तो उन्हें आश्चर्य नहीं होना चाहिए, लेकिन जूरी अभी भी इस बात पर कायम है कि इसका असर लंबे समय तक बना रह सकता है या नहीं, जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाता है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कोरोना वायरस होता है, वे शायद काफी अस्वस्थ होते हैं. यहां तक कि इन्फ्लूएंजा भी शुक्राणुओं की संख्या में अस्थायी रूप से गिरावट का कारण बनेगी, लेकिन सवाल यह है कि यह स्थायी है या फिर रिकवर होने योग्य है. रिसर्च में अभी इस बात का खुलासा करना बाकी है कि क्या कोरोना वायरस टेस्टिकल्स को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकता है और इसका जवाब देने में वैज्ञानिकों को कई साल भी लग सकते हैं.
हालांकि पिछले रिसर्च ने संकेत दिया है कि किसी संक्रमण से टेस्टिकल को होनेवाली कोई भी क्षति दीर्घकालिक नहीं है. प्रोफेसर पेसी (Professor Pacey) ने नए इजरायली शोध में इस बात को लेकर आगाह किया है कि कोरोना वायरस स्पर्म और पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टोरोन बनानेवाले टेस्टिकल सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है. डॉक्टरों ने दावा किया है कि इस घातक वायरस से मरने वाले 12 पुरुषों की जांच के बाद यह मामला सामने आया था, लेकिन प्रोफेसर पेसी ने बताया कि रोगी औसत रूप से संक्रमित व्यक्ति की तुलना में अधिक बीमार थे और उनकी उम्र भी अधिक थी, जिनमें स्पर्म काउंट में गिरावट देखी गई. यह भी पढ़ें: सेक्स से भी फैल सकता है कोरोना वायरस? संक्रमित पुरुषों के स्पर्म में मिला कोविड-19 वायरस: स्टडी
वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस सेक्स के दौरान किस करने से भी फैल सकता है, लेकिन अध्ययन को अंजाम देने वाले शेबा मेडिकल सेंटर के डॉ. एडर्का ने दावा किया कि कोरोना वायरस टेस्टिकल सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे पुरुषों में बांझपन की समस्या हो सकती है.