COVAXIN Phase-2 Clinical Trial Begins In Nagpur: कोविड-19 की स्वदेशी दवा कोवैक्सिन के दूसरे चरण का क्लिकिनल ट्रायल आज से नागपुर में शुरू, भारत बायोटेक ने विकसित किया है यह वैक्सीन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

COVAXIN Phase-2 Clinical Trial Begins In Nagpur: भारत में बनी स्वदेशी कोरोना वायरस की दवा (Coronavirus Vaccine) कोवैक्सिन (COVAXIN) का आज से महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर (Nagpur) में दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल (Phase-2 Clinical Trial) शुरू हो गया है. बता दें कि इससे पहले नागपुर में 55 स्वयंसेवकों पर कोवैक्सिन के पहले चरण का ट्रायल किया गया और अच्छी खबर यह है कि उनमें से किसी ने भी अब तक किसी भी तरह की जटिलताओं को सूचना नहीं दी है, जिसके बाद अब इस वैक्सीन के फेज टू का ट्रायल को शुरू किया गया है.

27 जुलाई से नागपुर के गिल्लूरकर अस्पताल (Nagpur's Gillurkar Hospital) में कोवैक्सिन के पहले फेज का क्लिनिकल ट्रायल शुरु किया गया था. इस दौरान प्रत्येक स्वयंसेवक को तीन मिलीग्राम इंट्रा-मस्कुलर डोज (Intra-Muscular Dose) एक समय पर दिया गया था और अब तक किसी तरह के रिएक्शन का कोई मामला सामने नहीं आया है. इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल में अस्पताल ने दूसरा स्थान हासिल किया है.

पीजीआई रोहतक इस मामले में पहले पायदान पर है, क्योंकि इस अस्पताल ने 80 स्वयंसेवकों पर इस वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया है. नागपुर के गिल्लूरकर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. गिल्लूरकर (Dr. Gillurkar) का कहना है कि 20 साल के युवा और अन्य दो को वैक्सीन की दूसरी खुराक 10 अगस्त को दी गई. इसी तरह उन्हें 28 दिनों, 42 दिनों, 104 दिनों और 194वें दिन के अंतराल के बाद टीका लगाया जाएगा. प्रत्येक खुराक के बाद उन स्वयंसेवकों के ब्लड सैंपल को उनमें मौजूद एंटी-बॉडी की जांच के लिए एकत्र किया जाएगा. यह भी पढ़ें: Coronavirus Vaccine: कोरोना संकट के बीच अच्छी खबर, इस हफ्ते शुरु हो जाएगा भारत के पहले COVID-19 वैक्सीन Covaxin का मानव परीक्षण

ज्ञात हो कि वैक्सीन का जानवरों सफल परीक्षण किए जाने के बाद फेज वन का ट्रायल शुरू किया गया था. बताया जा रहा है कि क्लिनिकल ट्रायल की अनुमानित समय सीमा 6 से 8 महीने हो सकती है. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) यानी डीसीजीआई (DCGI) से मंजूरी मिली है.

गौरतलब है कि इस वैक्सीन का कोडनेम BBV152 है. कोवैक्सिन को SARS-CoV-2 के मृत कणों के साथ बनाया गया है और यह एक निष्क्रिय टीका है. एक बार जब यह टीका स्वस्थ व्यक्तियों में इंजेक्ट किया जाता है तो इससे शरीर में वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन होने लगता है. इस वैक्सीन का परीक्षण 22 से 50 साल की उम्र के बीच के स्वस्थ्य लोगों पर किया जा रहा है.