AI का कमाल! ब्रेस्ट कैंसर विकसित होने से 5 साल पहले ही लग जाएगा इसका पता, जानें कैसे काम करती है ये तकनीक

Breast Cancer Detection With AI: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) अब स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि AI अब स्तन कैंसर का पता लगाने में मदद कर सकता है, वह भी चार से पांच साल पहले, जब यह अभी विकसित होना शुरू भी नहीं हुआ होता.

AI द्वारा कैंसर का प्रारंभिक पता लगाने की तकनीक

हंगरी के चिकित्सक एक नई कंप्यूटर-असिस्टेड डिटेक्शन प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं, जो मैमोग्राम्स में उन धब्बों की पहचान करती है जिनमें भविष्य में कैंसर विकसित होने की संभावना होती है. इस प्रणाली को विकसित करने में MIT की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

कैसे काम करती है यह तकनीक?

कंप्यूटर-असिस्टेड डिटेक्शन AI मॉडल मैमोग्राम्स की तुलना करके उनमें छोटे-छोटे बदलावों का पता लगाता है. यह उन धब्बों को चिन्हित करता है जिनमें भविष्य में कैंसर विकसित हो सकता है. एक अध्ययन में पाया गया कि जिन धब्बों की पहचान इस तकनीक द्वारा की गई थी, वे बाद में वास्तव में कैंसर में बदल गए.

चिकित्सकीय उपयोग और लाभ

मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के लाॅडर ब्रेस्ट कैंसर के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. लैरी नॉर्टन ने CNN को बताया कि यह तकनीक रेडियोलॉजिस्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है. इससे वे बेहतर उपचार योजनाएं बना सकते हैं. जब AI उन धब्बों की पहचान करता है, तो रेडियोलॉजिस्ट्स यह तय कर सकते हैं कि कौन से अतिरिक्त परीक्षण किए जाने चाहिए ताकि कैंसर विकसित होने की संभावनाओं को कम किया जा सके.

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंच रहा है. स्तन कैंसर का प्रारंभिक पता लगाना महिलाओं के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. हंगरी के चिकित्सकों द्वारा अपनाई गई यह तकनीक आने वाले वर्षों में वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है.

AI की इस प्रगति से भविष्य में अन्य प्रकार के कैंसर और बीमारियों का भी प्रारंभिक पता लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे चिकित्सा क्षेत्र में नई उम्मीदें और संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं.