Who Is U19 Cricketer Gongadi Trisha: कौन है अंडर19 महिला टी20 वर्ल्ड कप में ऐतिहासिक शतक लगाने वाली गोंगड़ी तृषा; जानिए युवा स्टार के बारे में रोचक बातें
Gongadi Trisha (Photo: @mykhelcom)

India Womens U19 National Cricket Team vs Scotland Womens U19 National Cricket Team: भारतीय महिला अंडर-19 राष्ट्रीय क्रिकेट टीम बनाम स्कॉटलैंड महिला अंडर-19 राष्ट्रीय क्रिकेट टीम आईसीसी अंडर 19 महिला टी20 विश्व कप(ICC Under 19 Womens T20 World Cup) 2025 का सुपर सिक्स मैच 28 जनवरी(मंगलवार) को कुआलालंपुर(Kuala Lumpur) के बयूमास ओवल(Bayuemas Oval) में खेला गया. भारतीय महिला अंडर-19 टीम की ओपनर गोंगड़ी तृषा ने अपने बल्ले से स्कॉटलैंड के खिलाफ इतिहास रच दिया. 19 वर्षीय इस खिलाड़ी ने आईसीसी महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप 2025 के सुपर-6 मुकाबले में नाबाद शतक ठोककर सभी का दिल जीत लिया. यह मैच मलेशिया के बायूएमास ओवल में खेला गया था, और तृषा की धमाकेदार पारी ने भारत को एक यादगार जीत दिलाई. यह भी पढ़ें: त्रिशा गोंगडी अंडर 19 महिला विश्व कप में शतक लगाने वाली पहली खिलाड़ी बनीं

जानिए युवा स्टार गोंगड़ी तृषा के बारे में रोचक बातें

तृषा सिर्फ एक शानदार बल्लेबाज नहीं हैं, बल्कि लेग-स्पिन गेंदबाजी में भी हाथ आजमाती हैं. इस टूर्नामेंट में तृषा अब तक 230 रन बनाकर सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं. उनकी बल्लेबाजी का जलवा ऐसा है कि वह अपनी निकटतम प्रतिस्पर्धी से 100 रन आगे हैं. आंध्र प्रदेश के छोटे से कस्बे बद्राचलम में जन्मी तृषा ने महज दो साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. यह उनकी लगन और उनके पिता जीवी रामी रेड्डी के सपोर्ट का नतीजा है कि उन्होंने इतनी कम उम्र में बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए. उनके पिता ने उनके क्रिकेट करियर के लिए एक योजनाबद्ध दृष्टिकोण अपनाया, जिसने तृषा को घरेलू क्रिकेट का भरपूर अनुभव दिलाया.

तृषा ने 2014-15 में सिर्फ 9 साल की उम्र में हैदराबाद की अंडर-16 टीम में जगह बना ली थी. इसके बाद उन्होंने अंडर-23 टीम में भी अपनी जगह पक्की की. उन्होंने हैदराबाद और साउथ ज़ोन की अंडर-19 टीम का भी प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया.

तृषा के पिता ने उनके क्रिकेट प्रशिक्षण के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने स्थानीय मैदान में एक सीमेंट की पिच तैयार करवाई और प्रशिक्षकों की व्यवस्था की, ताकि तृषा को सही कोचिंग मिल सके. हर दिन तृषा दो घंटे का नियमित सत्र करती थीं, जिसमें उनके तकनीकी कौशल को निखारा गया. उनकी ट्रेनिंग कुल मिलाकर छह घंटे की होती थी, जिसने उनके खेल को परिपक्व बनाया.