Ganeshotsav 2019: आज गणेशोत्सव का सातवां दिन है, देखते- देखते सात दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं चला. तीन दिन बाद बाप्पा का विसर्जन कर दिया जाएगा. गणेश चतुर्थी से 10 दिन तक धूम-धाम से मनाए जानेवाले इस त्योहार में चारों ओर रौनक होती है. सभी बाप्पा के रंग में रंग जाते हैं. उनके जाने के बाद सब कुछ सुना- सुना हो जाता है. आज सातवां दिन है आज के दिन बाप्पा के सातवें स्वरूप महागणपति श्री वरदविनायक की पूजा की जाती है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है बाप्पा यहां आनेवाले अपने सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. प्राचीनकाल में इस स्थान को भद्रक नाम से जाना जाता था. इस मंदिर में नंददीप नाम का दीपक सन 1892 से लगातार प्रज्वलित है. ये मंदिर महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है. यहां एक सुंदर पर्वतीय गांव महड है, यहीं श्री वरदविनायक मंदिर विराजमान है. महागणपति श्री वरदविनायक का नाम लेने मात्र से ही सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.
इस मंदिर के बारे में एक कहानी प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि एक भक्त ने सपना देखा था कि,' मंदिर के पीछे पानी में मूर्तियां पड़ी हैं. इसके बाद उस व्यक्ति ने पानी में पड़ी मूर्ति को खोजा और पाया भी. वह मूर्ति इसी मंदिर में स्थापित की गई है. यहां गणपति के साथ उनकी पत्नियां रिद्धि और सिद्धि की मूर्तियां भी स्थापित हैं. इस मंदिर का निर्माण 1725 में पेशवा काल में किया गया.
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हर महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मध्याहन के समय वरदविनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है इस दिन गणेशजी की षोडशोपचार विधि से पूजा-अर्चना करने का विधान है. शाम को पूजा में गणेशजी के विग्रह को दूर्वा, गुड़ या मोदक का भोग लगाकर गणेश मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए, ऐसा करने स एसभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.