World Homeopathy Diwas 2023: आज है विश्व होम्योपैथी दिवस! जानें इसका इतिहास, महत्व एवं कुछ रोचक जानकारियां!
विश्व होम्योपैथी दिवस (Photo Credits: File Image)

World Homeopathy Diwas 2023: एलोपैथी दवाओं के बढ़ते साइड इफेक्ट्स एवं अन्य कई कारणों से बहुत सारे लोगों का रुझान होम्योपैथिक इलाज की ओर बढ़ रहा है. होमियोपैथी पूरी तरह सुरक्षित तथा रोग को जड़ से समाप्त कर मरीज राहत दिलाता है. हमेशा की तरह इस वर्ष भी 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर आइये जानें लखनऊ के विख्यात एवं अनुभवी होम्योपैथी चिकित्सक डॉ वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव से होमियोपैथिक इलाज के संदर्भ में कुछ रोचक जानकारियां, मगर पहले बात करेंगे, इस दिवस के इतिहास एवं महत्व के बारे में. यह भी पढ़ें: World Homeopathy Day 2023 Wishes: विश्व होम्योपैथी दिवस की इन हिंदी WhatsApp Messages, Quotes, GIF Greetings के जरिए दें शुभकामनाएं

विश्व होम्योपैथी दिवस का इतिहास!

साल 1796 में जर्मनी में सैमुएल हैनिमैन द्वारा शोध के पश्चात होमियोपैथी इलाज अस्तित्व में आया था. विश्व होम्योपैथी जागरूकता संगठन द्वारा (WHAO) सर्वप्रथम नई दिल्ली में एक वार्षिक सम्मेलन में आधिकारिक रूप से घोषित किए जाने के बाद, 10 अप्रैल 2005 में पहला विश्व होम्योपैथिक दिवस मनाया गया. डब्ल्यूएचओ एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो दुनिया भर में होम्योपैथी इलाज को समझने और उपयोग को बढ़ावा देता है. तभी से हर वर्ष होम्योपैथिक चिकित्सकों, संगठनों एवं उत्साही लोगों द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से यह दिवस मनाया जाता है. इन आयोजित कार्यक्रमों में होम्योपैथी और इसके लाभों के बारे में सेमिनार, कार्यशालाएं, मुफ्त क्लीनिक, सार्वजनिक व्याख्या आदि शामिल होते हैं. होम्योपैथी के इर्द-गिर्द भ्रामक प्रचारों, वैज्ञानिक प्रमाणों की कमी के बावजूद, इसके उपचार एवं गुणों को लोग सराह और स्वीकार कर रहे हैं.

10 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है विश्व होम्योपैथी दिवस?

होम्योपैथी के संस्थापक कहे जाने वाले डॉ सैमुअल हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था. इसलिए उनकी जयंती पर विश्व होम्योपैथिक दिवस मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है. होम्योपैथी चिकित्सा की एक समग्र प्रणाली है, जो प्राकृतिक उपचार प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करने के लिए अत्यधिक हलके एवं पतले पदार्थों का इस्तेमाल करती है. यह "लाइक क्योर लाइक" के सिद्धांत पर आधारित है, जिसका अर्थ है कि एक पदार्थ जो एक स्वस्थ व्यक्ति में लक्षण पैदा करता है, एक बीमार व्यक्ति में समान लक्षणों के इलाज के लिए पतला रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

विश्व होम्योपैथिक दिवस का महत्व!

विश्व होम्योपैथी दिवस कई मायने में महत्वपूर्ण है. पिछले 200 वर्षों से भी ज्यादा समय से होम्योपैथी इलाज चलन में है. होम्योपैथी के सिद्धांतों को विकसित करने में डॉ. हैनिमैन के अभूतपूर्व कार्य एवं दवा के अभ्यास और स्वास्थ्य सेवा के हमारे दृष्टिकोण पर गहरा प्रभाव पड़ा है. विश्व होम्योपैथी दिवस एक सुरक्षित और प्रभावी पूरक दवा के रूप में होम्योपैथी के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह दिवस होम्योपैथी के चलन को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा के मुख्य मुख्यधारा से जोड़ने की वकालत करता है, साथ ही होम्योपैथिक संगठनों द्वारा चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डालता है.

होम्योपैथी इलाज ही क्यों?

डॉ. बिरेंद्र कुमार श्रीवास्तव के अनुसार होम्योपैथी एक ठोस और सुचारू इलाज साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए चिकित्सक को मरीज की संपूर्ण हिस्ट्री, यानी रोगी का नाम, आयु, शिक्षा, पता, पेशा इत्यादि जानना जरूरी है. इसके बाद उसकी मानसिक समस्याओं, लक्षणों को भी जानना जरूरी है, क्योंकि किसी को नींद की समस्या, किसी को एकाग्रता की कमी, किसी को बेचैनी जैसी तकलीफ हो सकती है; इसी तरह कुछ अत्यधिक वर्क लोड और हीन भावना से ग्रस्त हो सकते हैं. कुछ को मनोवैज्ञानिक शिकायतें मसलन किसी विशेष प्रकार के भोजन की इच्छा में वृद्धि, या किसी विशेष प्रकार के भोजन से घृणा, जैसी मिली-जुली शिकायतों के साथ शुरू हो सकती हैं. डॉ बिरेंद्र श्रीवास्तव आगे बताते हैं, कि इसके बाद शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं की जानकारी भी जरूरी है.

शारीरिक समस्याएः क्या आपको जरूरत से ज्यादा पसीना आता है, हाँ तो शरीर के किस हिस्से से और कितना? मल-मूत्र संबंधित विस्तृत जानकारी? मासिक धर्म में अनियमितता, उसका विस्तृत विवरण, एवं इससे जुड़ी अन्य समस्या अगर कुछ है तो? खानपान में विशेष रुचि एवं अरुचिकर खाद्य पदार्थ? कौन सा मौसम पसंद अथवा नापसंद है? मौसम विशेष से सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव?

मानसिक समस्याएः आपको नींद कैसी होती है? क्या आपको बहुत सपने आते हैं? यदि हां, तो बताएं कैसे सपने आते हैं? क्या आपको अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में परेशानी आती है? अपने आसपास के लोगों से आपके कैसे संबंध? उनसे कोई शिकवा शिकायत तो नहीं है? बीमारी से प्रभावित होने से पहले और बाद में आपका स्वभाव कैसा था? होम्योपैथी इलाज से पूर्व इन सारी बातों को सिलसिलेवार बताएं.

वे बीमारियां जिनका होम्योपैथी में बेहतर इलाज है!

डॉ बिरेंद्र के अनुसार कुछ चुनिंदा बीमारियां हैं, जिनका होम्योपैथिक दवाओं से शत प्रतिशत सफलता के साथ इलाज किया जा सकता है. उदाहरण के लिए

मासिक धर्म से जुड़ी बीमारियां: मासिक धर्म से जुड़ी बीमारियों का इलाज भी एलोपैथिक से अच्छा इलाज होम्योपैथी में है. होम्योपैथी महिलाओं के मासिक चक्र से जुड़ी बीमारियों का जड़ से इलाज करता है.

मानसिक बीमारियों का इलाज: होम्योपैथिक के जरिये बाइपोलर डिसऑर्डर, ऑटिज्म और डिप्रेशन जैसी बड़ी बीमारियां दूर करने की क्षमता होती है. इसके अलावा मूड डिसऑर्डर जैसी शिकायतों को भी इलाज होम्योपैथी में है.

ऑटोइम्यून रोग: डॉ बिरेंद्र के ज्यादातर ऑटोइम्यून बीमारियों का पुख्ता इलाज एलोपैथी से बेहतर होम्योपैथी में है. होम्योपैथिक दवाओं से इसका पहले भी कई बार सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है.

डिजनरेटिव डिजीज: शरीर के कुछ रोगों जो मांसपेशियों, हड्डियों या टिश्यू से रिलेटेड हैं, जिन्हें डिजनरेटिव डिजीज कहा जाता है, का इलाज होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से संभव है

मौसमी बीमारियां: मौसम से जुड़ी बीमारियां मसलन बुखार, सर्दी, जुकाम, पेट से जुड़ी तमाम बीमारियों का एलोपैथिक से बेहतर और पुख्ता इलाज होम्योपैथी में है.