World Consumer Rights Day 2020: अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस आज, जानें क्या है ग्राहकों के अधिकार और संरक्षण
विश्व उपभोक्ता दिवस 2020 (Photo Credits: File Image)

World Consumer Rights Day 2020: लगभग 58 वर्ष पूर्व 15 मार्च 1962 को उपभोक्ता संरक्षण पर पेश हुए विधेयक पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने अनुमोदन दिया था. उस समय विधेयक के 4 मुख्य प्रावधान थे, प्रथम उपभोक्ता सुरक्षा के अधि‍कार, दूसरा सूचना प्राप्त करने का अधि‍कार, तीसरा उपभोक्ता को चुनाव का अधि‍कार और चौथा सुनवाई का अधि‍कार. इसके बाद ही भारत में भी उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े आंदोलन की शुरुआत 1966 से हुई. पहली बार आधिकारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (World Consumer Rights Day) 15 मार्च 1983 को मनाया गया. तभी से इसी दिन अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (World Consumer Day) मनाया जा रहा है. आज हम अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के अवसर पर ग्राहकों के निजी अधिकारों की बात करेंगे.

अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के उपभोक्ताओं को ग्राहकों के अधिकारों के प्रति जागरुक कर उन्हें सजग बनाना है. इस अवसर पर दुनिया भर में उपभोक्ताओं पर आधारित तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि उपभोक्ता जान सकें कि एक ग्राहक के रूप में उनके अधिकार क्या हैं, ताकि वे किसी तरह के षड़यंत्र अथवा धोखाधड़ी में न फंसे. किसी भी उपभोक्ता को जागरुक बनने के लिए उसे उपभोक्ता अधिकार अधिनियम (Consumer Rights Act) के एक-एक पहलू का जानना अत्यंत आवश्यक है.

क्या हैं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (Consumer Protection Act)

किसी भी उपभोक्ता को इस बात की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए कि भारतीय संविधान में उनके अधिकारों को पूरी प्रमुखता दी गयी है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 उपभोक्ताओं को वे सारे अधिकार देता है, जो उन्हे किसी के द्वारा की जानेवाली जालसाज़ी या धोखाधड़ी से बचा सकें. Consumer Rights Act भारतीय संविधान की धारा 14 से 19 के बीच आपको निम्नलिखित अधिकार उपलब्ध कराता है.

सुरक्षा का अधिकार (Right to Safety)

उपभोक्ताओं के अधिकारों में सर्वप्रथम आता है, सुरक्षा का अधिकार, कहने का आशय वस्तुओं और सेवाओं के विपणन (Marketing) के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करना. इसके लिए गुणवत्ता चिन्ह (Quality mark) निर्धारित किए गए हैं, जैसे आईएसआई, एग मार्क इत्यादि. ये चिन्ह किसी भी उत्पाद की गुणवत्ता की गारंटी देते है.

सूचना पाने का अधिकार (Right to Information)

इस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी ग्राहक को इस बात का पूरा अधिकार दिया गया है कि वह जिस वस्तु की खरीदारी कर रहा है उस वस्तु की क्वांटिटी, क्वालिटी, शुद्धता, सही कीमत, वजन आदि की पूरी जानकारी हासिल करे. विक्रेता इससे इंकार अथवा टालमटोल नहीं कर सकता.

स्वेच्छा से चुनने का अधिकार (Right to Choose)

यह अधिनियम ग्राहक को अपनी पसंद की चीज चुनने का अधिकार देती है. कहने का आशय यह है कि ग्राहक को इस बात पूरा अधिकार है कि उसने जिस वस्तु को पसंद कर उसकी मांग की है अथवा जो चीज उसने पसंद किया है, वही चीज उसे उसी स्वरूप में दी जाये.

सुनवाई का अधिकार (Right to a Hearing)

यह अधिनियम किसी भी ग्राहक के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसका अर्थ यह है कि ग्राहक को अगर किसी भी वस्तु अथवा उत्पाद अथवा खरीदी गई वस्तु से परेशानी है तो विक्रेता को उसकी पूरी बातें ध्यान से सुननी होगी.

किसी भी विवाद को सुलझाने का अधिकार (The right to Settle Disputes)

किसी भी ग्राहक को अगर किसी वस्तु विशेष को लेकर कोई समस्या है तो उसकी शिकायतों का जल्दी से जल्दी निपटारा किया जाना चाहिए.

उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (Right to Education)

इस अधिनियम का आशय यह है कि उपभोक्ता को इस बात का पूरा अधिकार होता है कि उपभोक्ता संरक्षण से जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार रखता है, ताकि किसी प्रकार के धोखे अथवा शोषण से बच सके.