
Shivrajyabhishek Diwas 2025 Quotes: छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के जीवन का अधिकांश समय रणक्षेत्र में मुगलों से युद्ध करते बीता. उनके जीवन का एक-एक पल हमें राष्ट्रप्रेम, अखंड भारत और संप्रभुता के लिए प्रेरित करता है, लेकिन उनके जीवन के तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं में एक विशेष पल था, उनका राज्याभिषेक. बता दें कि 6 जून 1674 में रायगढ़ किले में ‘छत्रपति’ के रूप में उनका भव्य राज्याभिषेक (Shivrajyabhishek) पूरे विधि-विधान एवं मंत्रोच्चार के साथ किया गया था. राज्याभिषेक की यह घटना संप्रभुता की घोषणा और मराठा साम्राज्य की औपचारिक स्थापना को चिह्नित किया और मुगलों के प्रभुत्व वाले दक्षिण में एक हिंदू साम्राज्य के उदय का स्पष्ट संकेत दिया था. इस राज्याभिषेक ने मराठा शक्ति को मजबूत किया और डेक्कन राज्यों को एकीकृत करने के लिए आक्रामक अभियानों की अवधि शुरू की.
राज्याभिषेक के बाद, शिवाजी ने अपने राज्य का विस्तार करने और विभिन्न शासकों को हराने के लिए सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया. छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक (Shivrajyabhishek Diwas) के अवसर पर अपने इष्ट-मित्रों एवं परिजनों को शिवाजी के ये प्रभावशाली कोट्स भेजकर शिवाजी महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करें.
शिवाजी राज्याभिषेक पर कुछ महत्वपूर्ण कोट्स
1- ‘सभी को शिक्षा मिलनी चाहिए, क्योंकि युद्ध के दौरान जो चीजें ताकत से हासिल नहीं की जा सकतीं, वे ज्ञान और चाल से हासिल की जा सकती हैं, और ज्ञान शिक्षा से आती है.’
- छत्रपति शिवाजी महाराज

2- ‘आत्मविश्वास शक्ति प्रदान करता है और शक्ति ज्ञान प्रदान करती है. ज्ञान स्थिरता प्रदान करता है और स्थिरता विजय की ओर ले जाती है.’
- छत्रपति शिवाजी महाराज

3- ‘जो लोग धर्म, सत्य, क्षेष्ठता और ईश्वर के सामने झुकते हैं, उनका पूरा विश्व सम्मान करता है.’
- छत्रपति शिवाजी महाराज

4- ‘आप जब उत्साही होते हैं, तो विशालकाय पहाड़ भी मिट्टी के ढेर जैसा दिखने लगता है.’
- छत्रपति शिवाजी महाराज

5- ‘राष्ट्र सर्वप्रथम है. उसके बाद आपके गुरु, आपके माता-पिता और अंत में आपका भगवान है, इसलिए, राष्ट्र को हमेशा अपने से पहले रखना चाहिए.’
- छत्रपति शिवाजी महाराज

6- ‘शत्रु को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए, और ना ही उसकी ताकत को कमतर आंकना चाहिए.
- छत्रपति शिवाजी महाराज

7- ‘एक छोटे से मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए भी उठाया गया एक छोटा कदम बाद में आपको बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है.’
- छत्रपति शिवाजी महाराज

8- ‘अपनी गलतियों से सीखने की कोई ज़रूरत नहीं है, इसके बजाय हमें दूसरों की गलतियों से बहुत कुछ सीखने को मिलता है.
-छत्रपति शिवाजी महाराज

9- ‘जो लोग सबसे बुरे समय में भी अपने लक्ष्य की ओर निरंतर काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित रहते हैं, उनके लिए समय स्वयं बदल जाता है.
- छत्रपति शिवाजी महाराज

10- ‘स्वतंत्रता एक अनमोल वरदान है, जिसे पाने का अधिकार हर किसी को है.’
-छत्रपति शिवाजी महाराज

गौरतलब है कि मराठा साम्राज्य को एक संप्रभु स्वतंत्र राज्य के रूप में सार्वभौमिक मान्यता दिलाने के लिए शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक आवश्यक था, इसलिए उनका राज्याभिषेक किया गया. मराठा साम्राज्य की नींव रखने के बाद, उन्होंने एक अनुशासित सेना और एक सुव्यवस्थित प्रशासनिक निकाय की मदद से कुशल और प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया.