Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2020: भारतीय संस्कृति के महान संरक्षक छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी फोर्ट (Shivneri Fort) में हुआ था. उनका नाम उनकी कुलदेवी शिवाई के नाम पर शिवाजी (Shivaji) रखा. उनका पूरा नाम शिवाजी भोसले था, वे बहादुर और कुशल रणनीतिकार थे. 6 जून 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ. इसके बाद उनके नाम के साथ ‘छत्रपति’ शब्द जुड़ा. इसी वर्ष शिवाजी ने पश्चिमी भारत में मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) की नींव रखी. शिवाजी अकेले ऐसे योद्धा थे जिन्होंने संपूर्ण भारत का शासक बनने का स्वप्न देखने वाले औरंगजेब को हर युद्ध में परास्त किया. उनके गुरिल्ला युद्ध से मुगल सैनिक भयाक्रांत रहते थे, क्योंकि अपने सैनिकों की छोटी-सी टुकड़ी के साथ हजारों मुगल सैनिकों की लाशें बिछा देते थे. आइये जानें शिवाजी की महानता और वीरता से जुड़े कुछ रोचक तथ्य...
बचपन का खेल युवावस्था की सच्चाई बन गयी
शिवाजी को युद्ध के सारे दांवपेंच उनकी मां जीजाबाई ने बचपन में ही सिखा दिये थे. अक्सर वे जब जंगलों में अपने साथियों के साथ खेलते तो अपनी आयु के बालकों को इकट्ठा कर उनका नेता बनते और दुश्मनों से युद्ध करके खेल-खेल में किले जीतते थे. युवावस्था तक आते-आते उनका खेल सच बन गया और वे वास्तव में शत्रुओं पर आक्रमण कर उनके किले जीतने लगे. यह भी पढ़ें: Shiv Jayanti 2020 Wishes: इन प्रेरणादायी हिंदी कोट्स, Hike Stickers, Facebook Greetings, GIF Images और WhatsApp Status के जरिए अपनों को दें शिव जयंती की शुभकामनाएं
महिलाओं का बहुत सम्मान करते थे
शिवाजी को अपनी मां जीजामाता से एक और संस्कार प्राप्त हुआ था कि दुश्मन की महिला का भी सम्मान करो. वे महिलाओं के सम्मान के कट्टर समर्थक थे. अपने संपूर्ण राज्य में उन्होंने सख्त निर्देश दे रखे थे कि किसी भी युद्ध आदि में महिलाओं को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. उनके राज्य में ऐसा करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान था. एक बार एक सैनिक मुगल सूबेदार की खूबसूरत महिला को लेकर शिवाजी के पास आया. उसे लगा था कि उस सुंदरी को देखकर शिवाजी खुश हो जायेंगे, लेकिन जैसे ही वह सैनिक उस मुगल महिला के साथ शिवाजी के सामने पहुंचा और शिवाजी को सारी बातें पता चलीं तो उन्होंने उस सैनिक को खूब फटकारा और मुगल महिला को सुरक्षित और पूरे सम्मान के साथ उसके घर पहुंचाने का आदेश दिया.
‘गुरिल्ला युद्ध’ और ‘माउंटेन रैट’ के महारथी
चंद सैनिकों के सहारे हजारों मुगल सैनिकों को नाकों चने चबाने की तकनीक शिवाजी ने इजाद की थी. गुरिल्ला युद्ध में वे सैनिकों की छोटी-सी टुकड़ी के साथ छिपकर अचानक मुगल सैनिकों पर धावा बोलते थे और हमला करने के बाद तेजी से जंगलों में छिप जाते थे. शिवाजी माउंटेन रैट के नाम से भी लोकप्रिय थे. वे अपने पहाड़ी और जंगल के क्षेत्रों से अच्छी तरह वाकिफ थे और कहीं से निकलकर अचानक हमला कर देते थे.
फादर ऑफ इंडियन नेवी
छत्रपति शिवाजी महाराज को 'फादर ऑफ इंडियन नेवी' भी कहा जाता है. उनसे पूर्व मराठा शासन ने 1674 में नेवी फोर्स की भी स्थापना की थी. शिवाजी ने इस आधारशिला को और मजबूत किया. उन्होंने कोंकण और गोवा में समंदर के रास्तों की ओर से सुरक्षा के लिए एक मजबूत नेवी की स्थापना की. वे अपने राज्य को अरब, पुर्तगाली, ब्रिटिश और समुद्री लुटेरों से बचाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने भिवंडी, कल्याण और पनवेल में लड़ाई के लिए जहाज तैयार करवाए थे. शिवाजी ने प्रशिक्षित लोगों को इसमें शामिल किया था. उन्होंने 20 लड़ाकू जहाज भी बनवाए. उन्होंने जजीरा कोस्ट लाइन पर सिद्दीस के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ीं और जीती. इतिहास के पन्नों में यह भी दर्ज है कि शिवाजी की फ्लीट में दो स्क्वाड्रन थीं. हर स्क्वाड्रन में 200 जहाज थे और सब अलग-अलग क्लास के थे. उनके पास लगभग 5 सौ जहाजें थीं. यह भी पढ़ें: Shiv Jayanti 2020 Quotes: शिवाजी महाराज की 390वीं जयंती के शुभ अवसर पर उनके इन महान विचारों को WhatsApp, Facebook, Instagram और Twitter के जरिए भेजकर दें प्रियजनों को शुभकामनाएं
हर धर्म को सम्मान देने वाले हिंदू शासक
शिवाजी सभी धर्म के लोगों का सम्मान करते थे. उन्होंने सबसे ज्यादा मुगल सैनिकों से युद्ध किया, अपने गुरिल्ला युद्ध से मुगल सैनिकों की लाशें बिछा दी, लेकिन उनके मन में मुस्लिमों के प्रति किंचित भेदभाव नहीं था. उनकी सेना में अनेक मुस्लिम नायक, मुस्लिम सरदार, सुबेदार एवं सेनानी थे. वास्तव में शिवाजी का सारा संघर्ष उस कट्टरता और उद्दंडता के विरुद्ध था, जिसे औरंगजेब जैसे शासकों और उसकी छत्रछाया में पलने वाले लोगों ने अपना रखा था. जो लोग हिंदू बनना चाहते थे, शिवाजी उसकी मदद करते थे. उन्होंने अपनी बेटी की शादी भी कन्वर्टेड हिंदू से की थी.