महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का हाल ही में दिया गया बयान राज्य की राजनीति में एक नई बहस का कारण बन गया है. फडणवीस ने पीएम नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए कांग्रेस पर हमला बोला और सवाल उठाया, "जब सरकार ने बालासाहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बताया है, तो फिर उद्धव जी की सहयोगी कांग्रेस पार्टी ऐसा कहने से क्यों डर रही है? उन्हें शर्म क्यों आ रही है?"
यह बयान उस समय पर आया है जब राज्य में जल्द ही चुनाव होने वाला है. फडणवीस ने यह भी कहा कि राहुल गांधी के बयान से ज्यादा अहम यह है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने अब बालासाहेब ठाकरे को शिवसेना प्रमुख के रूप में संबोधित करना शुरू कर दिया है. यहां तक कि उन्होंने उन्हें 'हिंदू हृदय सम्राट' कहना भी बंद कर दिया है.
क्या है कांग्रेस का डर?
फडणवीस के इस बयान ने कांग्रेस पार्टी पर सवाल खड़ा किया है. सवाल यह उठता है कि जब बालासाहेब ठाकरे को महाराष्ट्र की राजनीति और हिंदुत्व के एक प्रमुख प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तो कांग्रेस पार्टी क्यों उनका सम्मान करने से बच रही है? क्या यह किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है या फिर कांग्रेस को शिवसेना के साथ अपने रिश्ते को लेकर डर है?
#WATCH "जब सरकार ने बालासाहेब ठाकरे को हिंदू हृदय सम्राट बताया है, तो फिर उद्धव जी की सहयोगी कांग्रेस पार्टी ऐसा कहने से क्यों डर रही है? उन्हें शर्म क्यों आ रही है?...राहुल गांधी को भूल जाइए, यहां तक कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भी बालासाहेब ठाकरे को शिवसेना प्रमुख कहना शुरू… pic.twitter.com/gdb4khNckU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 15, 2024
बालासाहेब ठाकरे का योगदान
बालासाहेब ठाकरे ने न केवल शिवसेना की नींव रखी, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम स्थान बनाया. वे एक सशक्त हिंदूवादी नेता थे, जिन्होंने हमेशा हिंदू समाज के हितों की बात की. यही कारण है कि उन्हें 'हिंदू हृदय सम्राट' के रूप में सम्मानित किया गया. उनके योगदान को नकारना महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास को नकारने जैसा होगा.