Birsa Munda Jayanti 2024: 15 नवंबर 1875 को खूंटी जिले के उलिहातु नामक गांव में पैदा हुए बिरसा मुंडा न केवल एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता थे, बल्कि एक धार्मिक सुधारक भी थे. वे वर्तमान झारखंड के छोटानागपुर पठार क्षेत्र के मुंडा जनजाति से थे. वर्ष 2024 में भारत सरकार ने 15 नवंबर, बिरसा मुंडा की जयंती को 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में घोषित किया. यह दिन झारखंड राज्य के गठ न से मेल खाता है, जिसे झारखंड स्थापना दिवस के रूप में भी जाना जाता है. 15 नवंबर 2000 को छोटानागपुर क्षेत्र को बिहार के दक्षिणी आधे हिस्से से अलग कर दिया गया, जिससे औपचारिक रूप से झारखंड (वनों की भूमि) राज्य का गठन हुआ और यह भारतीय संघ का 28वां राज्य बना. यह भी पढ़ें: Birsa Munda Jayanti 2024 Greetings: आदिवासी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर ये HD Wallpapers और HD Images भेजकर करें याद
बिरसा के शुरुआती जीवन में कई बदलाव हुए. उन्होंने जयपाल नाग के मार्गदर्शन में साल्गा में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में जर्मन मिशन स्कूल में पढ़ने के लिए ईसाई धर्म अपना लिया. हालांकि, जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि अंग्रेज शिक्षा का इस्तेमाल आदिवासियों को ईसाई बनाने के लिए कर रहे थे. इस अहसास के बाद, उन्होंने खुद को अपने स्कूल से अलग कर लिया और 'बिरसा फेथ' नाम से एक नया धर्म स्थापित किया, जिसने मुंडा समुदाय से कई अनुयायियों को आकर्षित किया और उपनिवेशवादियों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया. इन अनुयायियों ने खुले तौर पर घोषणा की कि वे 'बिरसाइत' के रूप में पहचाने जाते हैं और अंग्रेजों को अपना विरोधी मानते हैं.
झारखंड का आदिवासी समुदाय बिरसा मुंडा को अपना भगवान मानता है और इस दिन को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. बिरसा मुंडा की जयंती पर आदिवासी समुदाय के लोग एक दूसरे को ग्रीटिंग्स भेजकर शुभकामनाएं देते हैं. आप भी नीचे दिए गए ग्रीटिंग्स भेजकर बधाई दे सकते हैं.
1. क्रांतिकारी चिंगारी का नाम है बिरसा
दमनकारियों का मुंह तोड़ जवाब है बिरसा
आदिवासियत का कवच है बिरसा
झारखंड को अपने साहस से जगाने वाला वह भगवान है बिरसा
धरती आबा बिरसा मुंडा जी की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन
2. में केवल देह नहीं, में जंगल का पुस्तेनी दावेदार हूं
पुश्ते और उनके दावे मरते नहीं मैं भी मर नहीं सकता,
मुझे कोई भी जंगलों से बेदखल नहीं कर सकता
भगवान बिरसा मुंडा जयंती की बधाई
3. “अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध संघर्ष करने
और जनजाति समाज के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले आदिवासी जननायक,
भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन.
4. मां भारती की स्वतंत्रता, जल, जंगल और जमीन एवं जनजातीय संस्कृति की
रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वाले भगवान बिरसा मुंडा जी
की जयंती पर कोटि- कोटि नमन
5. संस्कृति, सम्मान और स्वतंत्रता के लिये आजीवन संघर्ष करने वाले
आदिवासी नेता और जननायक बिरसा मुंडा जी की जयंती पर कोटि- कोटि नमन
1895-1900 का मुंडा विद्रोह ब्रिटिश राज के खिलाफ आदिवासी प्रतिरोध के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में सामने आता है. इसने औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी समुदायों द्वारा झेली गई कठिनाइयों और अन्याय को उजागर किया, और इसका प्रभाव आदिवासी अधिकारों के बाद के आंदोलनों में दिखाई दिया. इसलिए, मुंडा विद्रोह केवल एक ऐतिहासिक घटना नहीं थी, यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में उभरा.