Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2020 Quotes In Hindi: भारत के वीर सपूतों में शुमार छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) ने अपनी वीरता और पराक्रम के दम पर न सिर्फ मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर किया, बल्कि उन्होंने मराठा साम्राज्य की स्थापना भी की. एक महान योद्धा और दयालु शासक (Maratha Emperor) के तौर पर इतिहास के पन्नों में अपनी वीरगाथा को दर्ज कराने वाले महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनके पिता का नाम शहाजी (Shahaji Bhosale) भोसले और माता का नाम जीजाबाई (Jijabai) था. इस साल छत्रपति शिवाजी महाराज की 390वीं जयंती (Shivaji Maharaj 390th Birth Anniversary) मनाई जा रही है, जिसे लेकर पूरे देश में काफी उत्साह देखा जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र में शिवाजी जयंती बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मोत्सव को शिवाजी जयंती (Shivaji Jayanti) और शिव जयंती (Shiv Jayanti) के नाम से जाना जाता है.
मुगलों के शासन काल में मराठाओं की स्वतंत्रता को बनाए रखने में शिवाजी महाराज ने बहुमूल्य योगदान दिया था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता. इसमें कोई दो राय नहीं है कि शिवाजी महाराज एक महान शासक और वीर योद्धा थे.उन्हीं की तरह उनके विचार भी बहुत महान थे. शिवाजी महाराज की 390वीं जयंती के खास अवसर पर आप भी उनके इन महान विचारों को फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और ट्विटर के जरिए भेजकर प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- अपना सर कभी ना झुकाएं, इसे सदैव ऊंचा रखें.
2- जब आप अपने लक्ष्य को तन-मन से चाहोगे तो मां भवानी की कृपा से जीत आपकी ही होगी.
3- यद्धपि सबके हाथ में एक तलवार होती है, लेकिन वो ही साम्राज्य स्थापित करता है जिसमें इच्छाशक्ति होती है.
4- जो व्यक्ति स्वराज्य और परिवार के बीच स्वराज्य को चुनता है, वही एक सच्चा नागरिक होता है. यह भी पढ़ें: Chhatrapati Sambhaji Maharaj Rajyabhishek Din: आज ही के दिन हुआ था छत्रपती संभाजी महाराज का राज्याभिषेक! जिनके शौर्य का प्रशंसक था उनका हत्यारा औरंगजेब
5- एक स्त्री के सभी अधिकारों में सबसे महान अधिकार उसका मां होना है.
माना जाता है कि शिवाजी महाराज का नाम उनकी माता जीजाबाई ने देवी शिवाई के नाम पर रखा था. गौरतलब है कि शिवाजी महाराज के जन्म के दौरान मुगलों का साम्राज्य भारत में फैल चुका था. शिवाजी ने बचपन में ही अपनी माता से युद्ध कौशल और राजनीति की शिक्षा ग्रहण कर ली थी. उन्होंने मुगलों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया और उन्होंने न सिर्फ मुगलों को घुटने टेकने पर मजबूर किया, बल्कि मराठा साम्राज्य की नींव भी रखी.