नई दिल्ली: पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मसार हुआ है. इस बार वजह बने हैं सऊदी अरब में भीख मांगने वाले पाकिस्तानी नागरिक. सऊदी अरब ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उसने अपने नागरिकों को भीख मांगने के लिए भेजना बंद नहीं किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. सऊदी अरब ने इस मामले में 4300 भिखारियों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डाल दिया है, जिससे उनकी यात्रा पर रोक लग सके. इतना ही नहीं, मक्का की मस्जिद से गिरफ्तार हुए 90 प्रतिशत पॉकेटमार भी पाकिस्तानी ही निकले हैं.
पाकिस्तान के 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक हज यात्रा के लिए सऊदी अरब जाते हैं. लेकिन सऊदी अरब सरकार ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया है कि इन हज यात्रियों की आड़ में भिखारी, चोर और लुटेरे भी भेजे जा रहे हैं. इस भीड़ के चलते सऊदी अरब को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन भिखारियों की वजह से न सिर्फ सामाजिक अस्थिरता बढ़ी है, बल्कि अपराध दर में भी इजाफा हुआ है.
पाकिस्तान का 'जीरो टॉलरेंस' का दावा
इस गंभीर मामले को देखते हुए पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन रजा नकवी ने सऊदी अरब के उप गृह मंत्री नासिर बिन अब्दुलअजीज अल दाउद को भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार ने 'भिखारी माफिया' के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाई है और इस दिशा में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. पाकिस्तान सरकार का कहना है कि जो लोग भीख मांगने के लिए लोगों को सऊदी अरब भेजते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है.
उमराह यात्रा की आड़ में अरब पहुंचते हैं
उमराह, इस्लाम धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है, जिसे 'छोटी हज' भी कहा जाता है. इसे साल में कभी भी किया जा सकता है, जबकि हज केवल इस्लामी कैलेंडर के ज़ुल-हिज्जा महीने में एक निश्चित समय पर ही होता है. उमराह का मुख्य उद्देश्य अल्लाह की इबादत करना और खुद को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करना है. बड़ी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक इसी उमराह यात्रा की आड़ में सऊदी अरब पहुंचते हैं और फिर इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं. इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल किया है.