Shani Rashi Parivartan 2020: शनि का अपनी ही राशि में प्रवेश, जानें किनकी शुरू हो रही है साढ़े साती व ढैय्या और किन राशियों को मिलेगी इनसे मुक्ति
शनि देव (Photo credits: Facebook/Shri Shani Dev Maharaj)

Shani Rashi Parivartan 2020: नौ ग्रहों में दंडनायक कहे जाने वाले शनि देव (Shani Dev) लोगों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. 24 जनवरी 2020 यानी मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) पर शनि देव दोपहर 12.10 बजे अपनी राशि बदलने (Saturn Transit) जा रहे हैं. शनि का यह राशि परिवर्तन इसलिए भी बेहद खास है, क्योंकि वो अपनी ही राशि यानी मकर (Makar Rashi) में प्रवेश करने जा रहे हैं, जहां पहले से ही उनके पिता सूर्य देव (Surya Dev) विराजमान हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य और शनि की युति अच्छी नहीं मानी जाती है. पिता और पुत्र होने के बावजूद सूर्य देव और शनि देव में शत्रुता है, इसलिए एक ही राशि में दोनों के विराजमान होने के कारण विपरित परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं.

शनि देव एक ही राशि में करीब ढाई साल तक गतिशील रहते हैं और ढाई साल बाद वो अपनी राशि बदलते हैं. मौनी अमावस्या पर वो अपनी ही राशि में प्रवेश कर रहे हैं, उनके गोचर से कुछ लोगों को शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) और ढैय्या (Shani Dhaiya) से मुक्ति मिलेगी, तो कुछ लोगों पर साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव शुरु होगा. चलिए जानते हैं शनि के राशि परिवर्तन से किन राशियों पर साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव होगा और किन राशियों को साढ़े साती व ढैय्या से छुटकारा मिलेगा.

शनि का राशि परिवर्तन 2020

तिथि- 24 जनवरी 2020 (शुक्रवार)

समय- दोपहर 12.10 बजे.

क्या है शनि की साढ़े साती व ढैय्या ?

शनि देव को नौ ग्रहों में सातवां स्थान प्राप्त है, उनकी चाल बेहद धीमी है, इसलिए उन्हें मंदगामी ग्रह भी कहा जाता है. शनि देव एक राशि में करीब ढाई साल तक गतिशील रहते हैं और एक ही घर में सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले एकमात्र ग्रह हैं शनि देव. हालांकि वो जिस घर में भी रहते हैं उसका तीव्र प्रभाव एक राशि पहले और एक राशि बाद तक पड़ता है. शनि की इस स्थिति को साढ़े साती कहा जाता है. शनि की साढ़े साती साढ़े सात साल तक चलती है. हर व्यक्ति के जीवन में हर तीस साल में साढ़े साती जरूर आती है, जबकि उनकी महादशा 19 साल की होती है.

यह भी पढ़ें: Shani Rashi Parivartan 2020: 150 साल बाद इस दिन शनि अपनी ही राशि में करेंगे प्रवेश, जानिए सभी राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव

जब शनि देव किसी राशि से चतुर्थ व अष्टम भाव में होते हैं तो यह स्थिति ढैय्या कहलाती है. माना जाता है कि जब शनि तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में हों तो साढ़े साती और ढैय्या का जातक को अद्भुत लाभ मिलता है और यह योग उस जातक के जीवन में सफलता के योग लेकर आता है. वहीं अगर शनि आठवें और द्वादश भाव में हैं तो साढ़े साती और ढैय्या जातक के लिए कष्टकारी सिद्ध हो सकती है. ढैया का प्रभाव ढाई साल तक एक राशि पर रहता है.

किन पर होगा प्रभाव, किन्हें मिलेगी मुक्ति

शनि के राशि परिवर्तन करने से पहले तक वर्तमान में वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है. शनि के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी. इस राशि के जातकों के जीवन में परेशानियां आएंगी. वहीं शनि के राशि परिवर्तन से वृष और कन्या राशि के जातक शनि की ढैय्या से मुक्त हो जाएंगे, जबकि मिथुन और तुला राशि के जातकों की ढैय्या शुरू होगी.