Shani Rashi Parivartan 2020: सभी ग्रहों में शनि सबसे धीमा ग्रह है और अभी कई बड़े ग्रह दूसरी राशियों में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन उनमें से शनि का मकर राशि में से प्रवेश करना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि मकर राशि पर शनि ग्रह का शासन है और ये उनकी राशि है. इसका मतलब है कि शनि अपनी खुद की ही राशि में प्रवेश करने वाले हैं. धनु राशि में लंबे समय तक रहने के बाद शनि 24 जनवरी 2020 को मकर राशि में लगभग 12 बज कर 5 मिनट पर प्रवेश करेंगे और साल 2021 और 2022 अप्रैल तक इसमें रहेंगे. इस दिन ख़ास संयोग बन रहा है, करीब 150 वर्षों बाद शनि मौनी अमावस्या के दिन शनि अपनी राशि में प्रवेश करेंगे. यह भी पढ़ें: शनि देव के प्रकोप से बचना है तो, भूलकर भी शनिवार को न खरीदें ये चीजें...
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है. जब शनि ग्रह कुंडली में एक अनुकूल स्थिति में होता है, तो उन्हें उत्कृष्ट वक्तृत्व कौशल का आनंद मिलता है. उनका संचार एक स्पष्ट विचार प्रक्रिया के साथ बढ़ेगा. हालांकि, जब शनि एक पुरुष स्थिति में होता है, तो उस व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. धनु और मकर राशि में पहले से ही शनि की साढ़े साती का प्रभाव चल रहा था. अब कुम्भ राशि पर भी शनि की साढ़े साती का पहला चरण शुरु हो जाएगा. शनि मकर और कुम्भ दो राशियों के स्वामी हैं. शनि के मकर राशि में प्रवेश करने पर प्रयास करने से ही सफलता और लाभ प्राप्त होगा. यही समय होगा जब आप अपने भविष्य के लिए सही योजना बना सकते हैं. मकर में शनि के प्रवेश करने पर आपकी निगाह अपने लक्ष्य पर होनी चाहिए, ताकि आप किसी ठोस परिणाम तक पहुंच पाएं. आइए जानते हैं शनि का मकर राशि में प्रवेश करने पर अन्य सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
शनि गोचर (Saturn Transit) 2020 मेष राशि:
शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी होकर दशम भाव में ही गोचर करेगा. दशम भाव कर्म का भाव हैं और शनि भी कर्म का स्वामी हैं. इस गोचर में आपकी मेहनत और संघर्ष बहुत बढ़ जाएगा. अगर किसी नए काम की शुरुआत करना चाहते हैं तो अप्रैल तक कर लें क्योंकि 11 मई से शनि के वक्र होने से नए काम में रुकावट आ सकती हैं. त्वचा से जुड़ी बीमारी परेशान कर सकती है, इसलिए स्वास्थ्य में लापरवाही न करें. पैसों का नुक्सान भी हो सकता है.
शनि गोचर 2020 वृषभ राशि:
शनि नवम और दशम भाव का स्वामी होकर वृषभ राशि से नवम भाव में ही गोचर करेगा. नई नौकरी के लिए भी साल की शुरुआत ही बेहतर रहेगी साल के मध्य में आकर कोई बदलाव न करें. इस वर्ष आलस को भी अपने से दूर रखें नही तो कल पर काम टालने की वजह से बड़ा नुक्सान हो सकता है. बहुत सोच समझकर बात करें, कोई ऐसा वादा न करें जिसे आप पूरा न कर सके.
शनि गोचर 2020 मिथुन राशि:
शनि मिथुन राशि से अष्टम भाव में ही गोचर कर रहा है. इस वर्ष शनि का प्रभाव आपके कर्म भाव पर रहेगा, जिसकी वजह से कई कार्यों में रूकावट बनी रहेगी. अष्टम भाव में शनि का प्रभाव होने से अचानक ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं. आर्थिक स्थिति कुछ कमजोर हो सकती है. शनि के आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करने से कभी–कभी खुद को भ्रमित महसूस करेंगे. कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय ऐसा हो तो किसी बड़े और बुद्धिमान की सलाह लें. या काम कुछ वक्त के लिए टाल दें.
शनि गोचर 2020 कर्क राशि:
शनि सप्तम और अष्टम भाव का स्वामी होकर कर्क राशि से सप्तम भाव में ही गोचर करेगा. इस वर्ष आलस को अपने से दूर ही रखें क्योंकि आलसी लोगों को शनि शुभ फल नही देते हैं. संतान के स्वास्थ्य का ध्यान अवश्य रखें और गाड़ी बेहद सावधानी से चलाएं. घर में काफी धन खर्च हो सकता है. साल के मध्य में अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें कोई पुरानी बीमारी परेशान कर सकती है.
शनि गोचर 2020 सिंह राशि:
आपके छठे भाव में शनि का गोचर होने जा रहा है जो आपके शत्रुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी करेगा. लेकिन मार्च में गुरु के गोचर से आपको लाभ मिलेगा. जिससे शनि आप पर बुरा प्रभाव नहीं डाल पाएंगे. ज़मीन में निवेश करने की सोच रहे हैं तो बहुत ही सोच समझ कर करें, वर्ष के मध्य में आपके साथ धोखा हो सकता है. साल के मध्य में कोई नया काम या नौकरी में बदलाव न करें.
शनि गोचर 2020 कन्या राशि:
इस राशि के जातकों पर से शनि की ढैय्या खत्म होने जा रही है. जिससे आपके लिए धन लाभ और भूमि खरीदने के योग बन रहे हैं. निवेश के लिए समय शुभ रहेगा. पुराने अटके हुए कार्य पूरे होंगे.
शनि गोचर 2020 तुला राशि:
शनि का गोचर आपके चतुर्थ भाव में होने जा रहा है. जिससे आपके ऊपर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी. कार्यों में सफलता पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ सकता है. निवेश करते समय सावधानी बरतें. शनि के वक्र होने से माता से भी किसी तरह का मतभेद बना रहेगा. क्योंकि इस वज़ह से आपको मानसिक रुप से भी कष्ट का सामना करना पड़ सकता है.
शनि गोचर 2020 वृश्चिक राशि:
शनि के गोचर से आपके ऊपर चल रही साढ़े साती अब समाप्त हो जाएगी. धन लाभ के साथ वाहन सुख की भी प्राप्ति हो सकती है. कर्जों से मुक्ति मिलने के भी आसार हैं. व्यापार में कोई नया काम करने की सोच रहे हैं तो यह समय कार्य के लिए बेहतर रहेगा. आर्थिक स्थिति भी सामान्य बनी रहेगी और कार्य में आर्थिक स्थिति की वजह से कोई रुकावट नहीं आएगी.
शनि गोचर 2020 धनु राशि:
शनि आपके द्वितीय भाव में गोचर कर रहे हैं. इसलिए आप पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव रहेगा. आय कम होगी, खर्चे ज्यादा रहेंगे. व्यापार के लिए यह वर्ष बहुत मेहनत और संघर्ष भरा रहेगा. तंगी लाएगा और धन से जुड़ी समस्या बनी रहेगी. इस वर्ष बहुत ही रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है.
शनि गोचर 2020 मकर राशि:
शनि अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहे हैं. शनि की साढ़े साती का दूसरा चरण आपको काफी परेशान करने वाला है. जिससे हर काम में सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. मानसिक परेशानी तो बनी रहेगी. साल के अंत में अपनी सेहत का ध्यान रखें किसी तरह की दुर्घटना का योग बन रहा है, इसलिए वाहन भी बेहद सावधानी से चलाएं.
शनि गोचर 2020 कुंभ राशि:
शनि बारहवें और प्रथम भाव का स्वाकरमी हो कुम्भ राशि से बारहवें भाव में गोचर करेगा. कुम्भ राशि वालों को शनि की साढ़े साती का प्रथम चरण शुरु होगा. जिससे आपकी राशि में संघर्ष व मेहनत बढ़ जाएगी. खर्चों में बढ़ोतरी होगी. मानसिक तनाव बहुत ज्यादा रहेंगे. वाहन सावधानी से चलाएं.
शनि गोचर 2020 मीन राशि:
शनि एकादश और बारहवें भाव का स्वामी होकर मीन राशि में गोचर करेगा. एकादश भाव में गोचर करने पर इसका पूर्ण प्रभाव आपकी राशि पर बना रहेगा. इस राशि के जातकों पर शनि के राशि परिवर्तन का कुछ खास प्रभाव पड़ता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है. लेकिन खर्चों पर कंट्रोल करने की जरूरत पड़ेगी. आपका वैवाहिक जीवन इस साल खुशहाल बना रहेगा और जीवन में ख़ुशियों की बहार आएगी.