Pakhala Dibasa or World Pakhala Divas 2024: ओडिशा में पखला दिवस की धूम, जानें उड़िया डिश को समर्पित इस उत्सव का इतिहास और महत्व
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

Pakhala Dibasa or World Pakhala Divas 2024: हैप्पी पखला दिवस! (Happy Pakhala Divas) ऐसी बहुत सी परंपराएं और संस्कृतियां हैं जो भारत को परिभाषित करती हैं. हमारे देश को कई वजहों के चलते गर्व से विविधता की भूमि कहा जाता है, जो लोग ओडिशा में रहते हैं वो लोग आज (20 मार्च 2024) पखला दिबासा (Pakhala Dibasa) या विश्व पखला दिवस (World Pakhala Divas) मना रहे हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर पखला क्या है? तो हम आपको बता दें कि यह पके हुए चावल से बना एक खाद्य पदार्थ है, जिसे पानी में थोड़ा सा किण्वित किया जाता है. ओडिशा में विश्व पखला दिवस को बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं पखला दिवस का इतिहास, महत्व और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.

विश्व पखला दिवस

विश्व पखला दिवस यानी पखला दिबासा उत्सव को हर साल 20 मार्च के दिन मनाया जाता है. इस साल यह उत्सव बुधवार यानी आज मनाया जा रहा है.

पखला क्या है?

पखला एक खास उड़िया डिश है, जिसमें पानी में धोए हुए या हल्के किण्वित किए गए पके हुए चावल शामिल होते हैं. इसके तरल भाग को तोरणी के नाम से जाना जाता है. इस पारंपरिक उड़िया व्यंजन को चावल, दही, ककड़ी, जीरा, तले हुए प्याज और पुदीने के पत्तियों से तैयार किया जाता है. इसे लोकप्रिय रूप से सूखी भुनी हुई सब्जियों जैसे- आलू, बैंगन, बड़ी और सागा भाजा या तली हुई मछली के साथ परोसा जाता है.

पखला दिवस का इतिहास

विश्व पखला दिवस मनाने की सटीक उत्पत्ति ज्ञात नहीं है. हालांकि, पूर्वी खाद्य व्यंजन को पहली बार पुरी के भगवान जगन्नाथ की रेसिपी में लगभग 10 बजे पेश किया गया था. यह खाद्य पदार्थ गर्मियों के मौसम में गर्मी को मात देने के लिए अच्छा माना जाता है और इसे बढ़ावा देने के लिए पखला दिबासा उत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Nowruz 2024: कब है नवरोज? जानें पारसी समाज साल में दो बार क्यों मनाते हैं यह उत्सव? एवं क्या है इसका इतिहास, एवं सेलिब्रेशन?

पखला दिवस का महत्व

दुनिया भर में रहने वाले उड़िया समुदाय के लोग विश्व पखला दिवस का उत्सव मनाते हैं और यह उत्सव केवल भारत तक ही सीमित नहीं है. हालांकि असम को छोड़कर विश्व पखला दिवस का प्रमुख उत्सव पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, झारखंड जैसे राज्यों में भी मनाया जाता है. तमिलनाडु में इस उत्सव को 'पझैया सदाम' (Pazhaiya Sadam) कहा जाता है.

विश्व पखला दिवस समारोह

विश्व पखला दिवस का आयोजन खाने-पीने के शौकीन लोगों के लिए आनंददायक होता है. यह उन लोगों के लिए सांस्कृतिक महत्व भी रखता है जिनकी उत्पत्ति ओडिशा में हुई है. किसान जैसे लोग विश्व पखला दिवस के अवसर को धार्मिक रूप से मनाते हैं. यह उनका मुख्य भोजन है और उनके दैनिक आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.