Padmini/Kamala Ekadashi 2023 Messages in Hindi: हर तीन साल में आने वाले पुरुषोत्तम मास में पड़ने वाली पुरुषोत्तम एकादशी को कमला (Kamala Ekadashi) या पद्मिनी एकादशी (Padmini Ekadashi) भी कहा जाता है. आज यानी 29 जुलाई 2023 को अधिक मास की पद्मिनी यानी कमला एकादशी मनाई जा रही है. इस तिथि को भगवान श्रीकृष्ण (Bhagwan Krishna) ने उत्तम तिथियों में से एक कहा है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सुख, सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है और श्रीहरि के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. इतना ही नहीं इस व्रत को करने से संतान सुख, यश-कीर्ति और मृत्यु के बाद वैकुंठ की प्राप्ति होती है. इस दिन घर में जप करने से एक गुना, गौशाला में जप करने से सौ गुना, तुलसी के समीप जप करने से लाख गुना और शिव व विष्णु के पवित्र धामों में जप करने से करोड़ों गुना फल की प्राप्ति होती है.
पुरुषोत्तम यानी अधिक मास की पद्मिनी या कमला एकादशी को विधि विधान से भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. इससे भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है, इसलिए इस दिन शुभकामना संदेशों का आदान प्रदान कर बधाई भी दी जाती है. ऐसे में आप भी इस अवसर पर इन हिंदी मैसेजेस, कोट्स, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- विष्णु जिनका नाम हो,
वैकुंठ जिनका धाम हो,
कमला एकादशी के शुभ अवसर पर,
श्रीहरि को शत-शत प्रणाम.
कमला एकादशी की शुभकामनाएं
2- कमला एकादशी के पावन अवसर पर,
भगवान विष्णु आपके सभी पापों का नाश करें.
ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
कमला एकादशी की शुभकामनाएं.
3- ताल बजे और बजे मृदंगा,
बजे श्रीहरि की वीणा,
करें विष्णु की जय-जयकार,
कमला एकादशी पर करें उनके गुणगान.
कमला एकादशी की शुभकामनाएं.
4- हर घर के आंगन में तुलसी,
तुलसी बड़ी महान है,
जिस घर में ये तुलसी रहती,
वो घर स्वर्ग समान है.
कमला एकादशी की शुभकामनाएं
5- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम् ॥
कमला एकादशी की शुभकामनाएं.
कमला एकादशी के दिन क्षीरसागर में शेषनाग की शैया पर विराजमान भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. श्रीहरि की पूजा के लिए पूजा स्थल पर एक वेदी बनाकर उस पर सप्तधान्य रखकर कलश स्थापित किया जाता है, जिसे आम या अशोक के पत्तों से सजाया जाता है. इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित कर पीले फूल, पीले फल, पीली मिठाइयां, तुलसी दल, धूप-दीप इत्यादि से उनकी पूजा की जाती है. इसके साथ ही 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुभ फलदायी माना जाता है.