Lakshmi Puja 2019 Date & Shubh Muhurat: दीपावली पर पूजा के समय किस दिशा में रखें लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, जानें लक्ष्मी पूजन की विधि, आरती और इसका महत्व
हैप्पी लक्ष्मी पूजा 2019 (Photo Credits: File Image)

Lakshmi Puja 2019 Date & Shubh Muhurat: दीवाली (Diwali) हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और बडे त्योहारों में से एक है. पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) को देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. दीपावली यानी लक्ष्मी पूजन को दिवाली उत्सव का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को दीपावली (Deepawali) मनाई जाती है. इस साल दीपावली यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का त्योहार 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों के घर जाती हैं. इस दिन देवी लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए घरों को सजाया जाता है और घर के द्वार पर रंगोली बनाई जाती है. माना जाता है कि दिवाली की रात ही मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु के साथ विवाह किया था.

दीपावली के दिन भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और देवी सरस्वती की पूजा का विधान है. माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है. चलिए जानते हैं दीपावली पर पूजन के दौरान लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा किस दिशा में रखनी चाहिए. इसके साथ ही जानते हैं लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, आरती और महत्व.

कब है लक्ष्मी पूजा?

इस साल लक्ष्मी पूजा का पर्व 27 अक्टूबर 2019 (रविवार) को मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है, जो पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का तीसरा दिन होता है. लक्ष्मी पूजन के दौरान मिट्टी के दीये जलाए जाते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं और तरह-तरह के पकवानों के साथ इस पर्व का आनंद उठाया जाता है. इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर मां लक्ष्मी अपने भक्तों सुख-संपत्ति का आशीर्वाद देती हैं. यह भी पढ़ें: Diwali 2019 Lakshmi Pujan Wishes: दीपावली के दिन होती है मां लक्ष्मी की पूजा, इन हिंदी WhatsApp Status, Facebook Messages, Greetings, GIF Images, SMS और Wallpapers के जरिए दें लक्ष्मी पूजन की शुभकामनाएं

लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त?

कुंभ लग्न मुहूर्त- 27 अक्टूबर 2019, दोपहर 02.21 बजे से दोपहर 03.57 बजे तक.

अवधि- 1 घंटे 37 मिनट.

वृष लग्न मुहूर्त- 27 अक्टूबर 2019, शाम 07.15 बजे से रात 09.15 बजे तक.

अवधि- 2 घंटे.

सिंह लग्न मुहूर्त- 28 अक्टूबर 2019, मध्यरात्रि 01.41 बजे से तड़के 03.49 बजे तक.

अवधि- 2 घंटे 8 मिनट.

किस दिशा में रखें लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा?

दीपावली की रात पूजा करने से पहले देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमाओं को सही दिशा और सही तरीके से रखना अनिवार्य है. घर की उत्तर दिशा को धन-संपत्ति के आगमन की दिशा मानी जाती है, इसलिए उत्तर दिशा में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को स्थापित करना शुभ माना जाता है. दीपावली पूजन के समय भगवान गणेश की प्रतिमा को दाहिनी तरफ और माता लक्ष्मी की प्रतिमा को बाईं तरफ स्थापित करना चाहिए, यानी लक्ष्मी जी की प्रतिमा हमेशा गणेश जी की दाहिनी तरफ होनी चाहिए.

दीपावली पूजन सामग्री

लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, लक्ष्मी जी के लिए वस्त्र, लाल कपड़ा, सात प्रकार के अनाज, साबुत धनिया, खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चांदी का सिक्का, चंदन, अक्षत, दही, दूध, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, दूर्वा, हल्दी, कुमकुम, फूलों की माला, फूल, फल, अगरबत्ती, धूप-दीप, मिठाई, पंच मेवा, पांच प्रकार के पत्ते, तेल, मौली, रूई, रोली, हल्दी की गांठ, नारियल, चीनी और शहद इत्यादि.

लक्ष्मी पूजन विधि

दिपावली के दिन विधि-विधान से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन घरों को सजाया जाता है, द्वार पर तोरण लगाए जाते हैं और रंगोली बनाई जाती है. दीपावली के दिन पूजा से पहले देवी लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा खरीदकर घर लानी चाहिए. इसके बाद माता लक्ष्मी और गणेश जी को षोडशोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए. षोडशोपचार पूजा में ध्यान, आह्वान, पुष्पांजलि, आसन, स्वागत, पद्य, अर्घ्य, स्नान, पंचामृत स्नान, गंध स्नान (सुगंधित जल से स्नान), शुद्ध स्नान (शुद्ध जल से स्नान), वस्त्र, मधुपर्क, आभूषण, रक्तचंदन, सिंदूर और अबीर-गुलाल इत्यादि शामिल हैं.

पूजा के दौरान माता लक्ष्मी को इत्र, अक्षत, चंदन, फूल और एक नारियल अर्पित करना चाहिए. पूजन के दौरान अष्ट सिद्धि और अष्ट लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. पूजन के दौरान धूप, दीप, नैवेद्य, जल, पान, सुपारी इत्यादि अर्पित करके विधिवत पूजा करनी चाहिए. पूजा के आखिर में लक्ष्मी-गणेश जी की आरती करनी चाहिए और जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगकर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करनी चाहिए. यह भी पढ़़ें: Diwali 2019: जानें कब है लक्ष्मी पूजन, शुभ मुहूर्त और सुख-शांति पाने के लिए पूजा की विधि

माता लक्ष्मी की आरती

गौरतलब है कि रोशनी और दीयों का यह त्योहार इस बात का प्रतीक है कि चाहे जो कुछ भी हो जाए असत्य पर हमेशा सत्य की ही जीत होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन ही भगवान राम 14 वर्ष के वनवास को काट कर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे और उनके आने की खुशी में पूरी अयोध्या नगरी दीयों की रोशनी से नहा उठी थी. इस दीपावली के शुभ अवसर पर विधि-विधान से लक्ष्मी-गणेश का पूजन करें और उनसे सुख-समृद्धि का वरदान पाएं.