
Diwali 2019: दीपोत्सव यानी दीपावली का पर्व असत्य पर सत्य तथा अधर्म पर धर्म की विजय स्वरूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण एवं हनुमान जी के साथ लंका से अयोध्या लौटे थे, प्रभु राम ने रावण का वध किया था. तब अयोध्यवासियों ने घर-घर में दीप जलाकर विजय-पर्व मनाया था. वही परंपरा आज भी चली आ रही है. सनातन धर्म में इसी दिन अर्थात कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन माता लक्ष्मी के साथ श्रीगणेश एवं धन के गुरू भगवान कुबेर जी की भी पूजा की जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष दीपावली 27 अक्टूबर 2019 को मनाया जायेगा. ज्योतिषियों के अनुसार लक्ष्मी पूजा निम्नलिखित समय के अनुरूप होना चाहिए.
दिवाली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है. लक्ष्मी-पूजन (Laxmi Pooja ) का भी ख़ास महत्व है. इस साल लक्ष्मी-पूजन रविवार 27 अक्टूबर को है.
गणेश-लक्ष्मी पूजन विधि:
सर्वप्रथम घर के मुख्य द्वार पर रंगोली सजाएं और मुख्य द्वार पर फूलों का तोरण बांधें. दरवाजे पर स्वास्तिक बनाकर उसके सामने धूपबत्ती घुमाएं. अब घर के भीतर जहां लक्ष्मी पूजन करनी है, उ�div>