Indira Gandhi Death Anniversary: "आज यहां हूं.. कल शायद यहां न रहूं. मुझे चिंता नहीं मैं रहूं या न रहूं.. देश की चिंता करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है. मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है. मैं अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी तो मेरे ख़ून का एक-एक क़तरा भारत को मजबूत करने में लगेगा." ये शब्द थे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के, जिसे उन्होंने अपने मृत्यु के कुछ दिन पहले ही एक सभा में कहा था. उसके बाद 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई. इंदिरा गांधी की आज 36वीं पुण्यतिथि है.
लौह महिला कहलाने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने का राजनीतिक सफर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा. 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली. भारत (India) की प्रधानमंत्री-24 जनवरी, 1966 को प्रथम बार, 13 मार्च, 1967 को दूसरी बार और 18 मार्च, 1971 को तीसरी बार शपथ ग्रहण लिया. उसके बाद 1980 में दोबारा इस पद पर पहुंचीं और 31 अक्टूबर 1984 को पद पर रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई.
हालांकि जहां राजनीति उन्हें विरासत में मिली, तो कई ऐसे फैसले उनके कार्यकाल में लिये गये, जिसके वजह से उन्हें देशवासियों के गुस्से और विपक्ष की आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा. फिर भी इंदिरा गांधी कभी घबरायी नहीं. बल्कि देश सेवा के लिये हरपल आगे रहीं. इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में एक से बढ़ कर कड़े और बड़े निर्णय लिये, जिसे देख कर विपक्षी नेता भी उनके साहस की सराहना करने लगे थे. यहां तक की चुनावी भाषणों में जिन सरलता से वो मंच बोलती जनता में एक नया जज्बा जगा देती.
कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में इंदिरा गांधी की अपने पिता प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) से टक्कराव भी हुए. प्रश्न केरल की बिगड़ती हुई राजनीतिक स्थिति का था. इंदिरा जी की राय थी कि केरल की इस स्थिति का सुधारने के लिए वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए. सरकार ने ऐसा कदम पहले कभी उठाया नहीं था, इसलिए पं. नेहरू द्विविधा में थे. पर परिस्थिति को जांच परख कर आखिर में उन्हें इंदिरा गांधी की बात माननी पड़ी और केरल में देश का सबसे पहला राष्ट्रपति शासन लागू हुआ.
इंदिरा गांधी का संक्षिप्त परिचय व तथ्य
- भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एकमात्र संतान थीं और उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था.
- उनकी शिक्षा स्विस स्कूलों और सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में हुई.
- उन्होंने 26 मार्च 1942 को फ़िरोज़ गाँधी से विवाह किया. उनके दो पुत्र थे.
- गांधी उपनाम के बावजूद, वे महात्मा गांधी के परिवार से संबंधित नहीं है.
- इंदिरा गांधी को 1960 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था.
- 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु के बाद, उन्होंने उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया.
- पीएम के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया.
- 1975 में, एक चुनावी अपराध का दोषी पाए जाने के बाद और 6 साल के लिए राजनीति से बाहर रहने के बाद, उन्होंने आपातकाल लगा दिया.
- वह अपने पिता के बाद भारत की दूसरी सबसे लंबी सेवा करने वाली पीएम हैं.
- वह पूर्वी पाकिस्तान की स्वतंत्रता की लड़ाई और स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन में पाकिस्तान के साथ युद्ध करने का समर्थन किया, जिसके परिणामस्वरूप भारत की जीत के बाद, बांग्लादेश का निर्माण हुआ.
- 1984 में, पंजाब के उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए अमृतसर में हरमंदिर साहिब में सेना की तैनाती के आदेश देने के कुछ महीनों बाद उनके ही सिख अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी.
- उनके अंगरक्षकों ने 31 गोलियां चलाई थीं, जिनमें से 23 उसके शरीर से गुज़रे थे जबकि 7 उसके अंदर फंसे थे.
- 1999 में बीबीसी द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन पोल में इंदिरा गांधी को "वुमन ऑफ़ द मिलेनियम" नामित किया गया था.
- गांधी प्रशासन के तहत भारतीय संविधान में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत निहित था.
- गांधी ने 1967 में परमाणु हथियारों के विकास को अधिकृत किया.
- 1971 में बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत को जीत दिलाने के लिए इंदिरा गांधी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया.