राष्ट्रीय एकता दिवस 2020: 31 अक्टूबर को हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय एकता दिवस (Rashtriya Ekta Diwas), आजादी के बाद भारत के एकीकरण करने वाले और 500 से अधिक रियासतों को स्वतंत्र भारतीय संघ में शामिल करने के लिए राजी करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सरदार पटेल (Sardar Patel) की जयंती पर मनाया जाता है. हालांकि देश में इसे मनाने की परंपरा साल 2014 के बाद शुरू हुई. सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उप प्रधानमंत्री थे और जो 'भारत के लौह पुरुष' (Iron Man of India) के रूप में जाने जाते हैं. उन्होंने 500 से अधिक रियासतों को स्वतंत्र भारतीय संघ में शामिल करने के लिए राजी करने में प्रमुख भूमिका निभाई. उन्होंने कई बाधाओं के बावजूद सभी रियासतों को नए स्वतंत्र भारत में एकीकृत किया.
2014, भारत के गृह मंत्रालय के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय एकता दिवस “हमारे देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए वास्तविक और संभावित खतरों का सामना करने के लिए हमारे देश की अंतर्निहित ताकत और लचीलापन को फिर से पुष्टि करने का अवसर प्रदान करेगा." इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में रन फॉर यूनिटी ’का आयोजन किया जाता है.
Kevadia: Prime Minister Narendra Modi at 'Rashtriya Ekta Diwas' parade on the birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel#Gujarat pic.twitter.com/1C0xccS4zF
— ANI (@ANI) October 31, 2020
सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में तथ्य
- सरदार वल्लभभाई पटेल का पूरा नाम वल्लभभाई झावेरभाई पटेल है.
- उनका जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नाडियाड, गुजरात, भारत में हुआ था और 15 दिसंबर, 1950 को बॉम्बे में उनका निधन हुआ था.
- भारतीय स्वतंत्रता के बाद, उन्होंने उप प्रधान मंत्री, गृह मंत्री, सूचना मंत्री और राज्यों के मंत्री के रूप में पहले तीन वर्षों तक सेवा की.
- सरदार पटेल की 16 साल की उम्र में शादी हो गई, 22 साल की उम्र में मैट्रिक किया और जिला याचिकाकर्ता की परीक्षा उत्तीर्ण की जिसके कारण वह कानून का अभ्यास करने में सक्षम थे.
- गोधरा में, उन्होंने 1900 में जिला याचिकाकर्ता का एक स्वतंत्र कार्यालय स्थापित किया.
- अगस्त 1910 में आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए.
- 1913 में, वह भारत लौट आए और अहमदाबाद में बस गए और अहमादाबाद बार में आपराधिक कानून में एक बैरिस्टर बन गए.
- उन्होंने 1917 से 1924 तक अहमदाबाद के पहले भारतीय नगर आयुक्त के रूप में कार्य किया और 1924 से 1928 तक नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में चुने गए.
- 1918 में बंबई (मुंबई) सरकार के फैसले के खिलाफ जिसमें भारी बारिश के कारण फसल खराब होने के बावजूद, सरकार पूर्ण वार्षिक कर एकत्र करना चाहती थी. उन्होंने किसानों और गुजरात के जमींदारों के एक बड़े अभियान द्वारा एक सभा की.
- 1928 में उन्होंने बारडोली अभियान का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया और सरदार की उपाधि प्राप्त की.
- सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन के महात्मा गांधी के बाद दूसरे अध्यक्ष थे.
- 1931 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कराची सत्र की अध्यक्षता की.
- वह एडवर्ड मेमोरियल हाई स्कूल बोरसाद (E.M.H.S) के पहले अध्यक्ष और संस्थापक थे, अब इसे झावेरभाई दाजीभाई पटेल हाई स्कूल के रूप में जाना जाता है.
- सरदार पटेल ने भारत को संयुक्त भारत (एक भारत) बनाने के लिए हमेशा कड़ी मेहनत की. श्रेष्ठ भारत या अग्रणी भारत बनाने के लिए, उन्होंने भारत के लोगों को एक साथ रहने का अनुरोध किया.
#WATCH 'Rashtriya Ekta Diwas' parade underway at Kevadia on the occasion of birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel pic.twitter.com/bLaVcEUzKT
— ANI (@ANI) October 31, 2020
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity)
सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में गुजरात में केवड़िया गांव में नर्मदा नदी के बीच एक प्रतिमा बनाई गई है, जिसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहते हैं, जो 182 मीटर यानी करीब 597 फीट ऊंची है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व को सबसे ऊंची प्रतिमा होने का गौरव प्राप्त है. 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के ऊंचाई न्यूयॉर्क के 93 मीटर उंचे 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से करीब दोगुना है.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल भार करीब 1700 टन है जबकि इस प्रतिमा का एक पैर 80 फीट, हाथ 70 फीट, कंधा 140 फीट और चेहरा 70 फीट का है. 2018 में तैयार इस प्रतिमा को प्रधानमंत्री मोदी ने 31 अक्टूबर 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया. यह प्रतिमा 5 वर्षों में लगभग 3000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है.