Jaya Ekadashi 2024: सनातन धर्म में माघ माह शुक्ल पक्ष की जया एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है. जया एकादशी व्रत एवं विष्णु जी की विधि-विधान से पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है, तथा भक्त इस लोक के सुख भोग कर जीवन मोक्ष प्राप्त करता है. हिन्दू पंचांग और अंग्रेज़ी कैलेण्डर के सही तालमेल नहीं होने के कारण एक बार फिर इस बात को लेकर श्रद्धालुओं में संशय है, कि जया एकादशी व्रत किस दिन रखा जाएगा, 19 फरवरी या 20 फरवरी 2024 को? आचार्य पंडित संजय शुक्ल यहां बता रहे हैं जया एकादशी की मूल तिथि, साथ ही इस साल बन रहे विशेष शुभ योगों में पूजा के साथ कुछ उपायों करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जातक के सारे मनोरथ पूरे होते हैं. यह भी पढ़े: Jaya Ekadashi 2024 : भूत-प्रेत-पिशाच की योनि से मुक्ति के लिए रखते हैं जया एकादशी व्रत! जानें इस व्रत की विधि एवं मुहूर्त !
जया एकादशी 2024, मूल तिथि एवं शुभ मुहूर्त
माघ मास एकादशी प्रारंभ: 08.49 AM (19 फरवरी 2024, सोमवार)
माघ मास एकादशी समाप्त: 09.55 AM (20 फरवरी 2024, मंगलवार)
चूंकि एकादशी व्रत एवं पूजा उदया तिथि में करने का विधान है, लिहाजा इस वर्ष जया एकादशी का व्रत एवं पूजा 20 फरवरी 2024 को रखा जाएगा.
जाने जया एकादशी पर बन रहे शुभ योग!
त्रिपुष्कर योग: 12.13 PM से अगले दिन (21 फरवरी 2024) 06.38 AM तक
रवि योग: 06.39 AM से 12.13 PM तक
प्रीति योगः सूर्योदय से 11.46 AM
इस वर्ष 2024 को जया एकादशी को पूरे दिन त्रिपुष्कर और रवि योग बनने के कारण बहुत शुभ घड़ी होने से इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अनुष्ठान करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है. इसके अलावा इन शुभ योगों में धार्मिक अनुष्ठान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है.
जया एकादशी के उपाय
* जया एकादशी को भगवान विष्णु जी के साथ देवी लक्ष्मी की संयुक्त पूजा करने से करियर में निर्विरोध तरक्की मिलती है.
* जया एकादशी पर पूजा में चढ़ाए गए तुलसी के पत्ते को लाल कपड़े में लपेट कर तिजोरी अथवा पैसे रखने वाली जगह पर रखें. ऐसा करने से घर में धन की कभी कमी नहीं रहती.
* 20 फरवरी 2024 को जया एकादशी के दिन प्रात: गंगा स्नान और सूर्य को अर्घ्य देने के मिट्टी के दीये में शुद्ध घी का दीप जलाकर विष्णुजी और लक्ष्मीजी को अर्पित करें. इससे घर में कभी भी धन-संपदा की कमी नहीं रहती.
* जया एकादशी पर लक्ष्मी जी की पूजा करें और उन्हें लाल वस्त्र, तथा सुहाग की अधिकांश साम्रगी देवी लक्ष्मी को चढ़ाएं. इससे विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं, और दाम्पत्य जीवन में खुशहाली रहेगी.
* इस अवसर पर श्रीहरि की पूजा में पीला वस्त्र, पीला फूल, पीले रंग की मिठाई, पीला चंदन अवश्य चढ़ाएं, इसके साथ ही गाय को हरा चारा और मछली आटे की गोली खिलाने से घर में धन-धान्य बना रहेगा.