गणगौर तीज का त्यौहार चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मनाया जाता है. यह राजस्थान का पारंपरिक त्योहार है. इस दिन माता गौरी और शिव की पूजा होती है. इस दिन व्रत रखने वाली सुहागन महिलाओं को सौभाग्यवती होने का फल मिलता है. इस वर्ष गणगौर का त्योहार 29 मार्च 2021 सोमवार से शुरू हुआ और गुरूवार 15 अप्रैल को इसका समापन होगा. होली के दूसरे दिन से गणगौर के त्यौहार की शुरुआत हो जाती हैं. माता गणगौर की पूजा सोलह दिनों तक विवाहित व अविवाहित महिलाएं प्रतिदिन ईसर-गणगौर को पूजती हैं. गणगौर का पर्व चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: गणगौर पूजा 2019: ‘अखंड सौभाग्य’ के लिए सुहागिनें और कुंवारी कन्याएं रखती हैं व्रत, होती है पूरी मनोकामनाएं
गणगौर मनाने वाली हिंदू महिलाएं बड़े उत्साह के साथ इस त्यौहार को मनाती हैं. यह पर्व विशेष तौर पर केवल विवाहित व अविवाहित महिलाओं के लिए होता है. भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन व्रत रखने वाली समस्त स्त्री-समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था. आज के दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु होने की मंगलकामना करती हैं. इस पर्व पर सुहागिनें दोपहर तक व्रत रखती हैं. गणगौर गीत गाती हैं पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास के साथ मनाती. इस वे पारंपरिक गीत भी गाती हैं. कोरोना के कारण इस साल भी लोग धूम धाम से त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं. इसलिए गणगौर तीज पर आप अपने प्रियजनों को ग्रीटिंग्स भेजकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.
गणगौर तीज 2021
गणगौर तीज 2021
गणगौर तीज 2021
गणगौर तीज 2021
गणगौर तीज 2021
गणगौर शब्द दो शब्दों, गण और गौर से लिया गया है. गण भगवान शिव का पर्याय है और गौर देवी गौरी या पार्वती का प्रतिनिधित्व करते हैं. सभी उम्र की महिलाएं इस त्योहार को खुशी से मनाती हैं और देवी गौरी के नाम पर व्रत का पालन करती हैं. गणगौर के त्योहार को गौरी तृतीया के रूप में भी जाना जाता है.