Chhath Puja 2022: कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन होने वाली छठ पूजा हिंदू धर्म के कठिन व्रतों में एक है. इसलिए इस व्रत को पवित्र एवं दृढ़ संकल्प के साथ ही करना चाहिए. छठ व्रत ही नहीं, बल्कि इसकी पूजा के भी कठोर नियम हैं. इसी में एक है सर्दी की शाम एवं सुबह ठंडे पानी में प्रवेश कर सूर्य को अर्घ्य देना. आखिर जल में उतर कर ही क्यों देते हैं अर्घ्य? यहां हमारे आचार्य बता रहे हैं. वे 5 उपाय, जिन्हें करने से छठी माता आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकती हैं! इन उपायों पर बात करने से पूर्व जानेंगे कि जल में उतर कर ही क्यों देते हैं सूर्य देव को अर्घ्य. यह भी पढ़े: Chhath Puja 2022 Kharna Wishes: छठ पूजा के दूसरे दिन दें खरना की शुभकामनाएं, भेजें ये हिंदी WhatsApp Messages, Quotes और Facebook Greetings
इसलिए जल में उतर कर देते हैं अर्घ्य!
पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य देव को भगवान विष्णु का प्रत्यक्ष स्वरूप माना जाता है. मान्यता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु जल में प्रवास करते हैं. इस तरह व्रती जब जल में कमर तक उतरकर अर्घ्य देते हैं तो सूर्य के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा हो जाती है. इसी संदर्भ में एक अन्य़ मान्यता यह भी है कि अगर जमीन पर खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं तो जमीन छलके हुए जल पर किसी का पैर भी पड़ सकता है, जिसे शुभ नहीं माना जाता. एक अन्य धारणा के अनुसार जल को पृथ्वी से ज्यादा पवित्र मानने के कारण जल में उतर का अर्घ्य देने की परंपरा है.
ये 5 कार्य छठ के दिन अवश्य करने चाहिए.
मान्यता है कि छठ के दिन इन 5 कार्यों को करने से छठी मइया एवं सूर्य देव दोनों प्रसन्न होते हैं और मन की सारी कामनाएं पूरी करते हैं. जाने क्या हैं ये छह कार्य...
स्वयं घाट का निर्माण करवाएं!
नदियों की साफ-सफाई अभियान में यह जरूरी हो गया है कि नदियों पूजा आदि की चीजें प्रवाहित नहीं की जाए, साथ ही उसे गंदा होने से बचाएं. यह संभव हो सकता है अगर आप कुछ लोग मिलकर अपने घर के करीब किसी खुली जगह पर छोटे-छोटे तालाब बनवाएं और स्वयं उसकी साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी लें. इस काम में सहभागित करके आप पुण्य का भी कार्य करते हैं.
छठ के भक्तों की मदद करें!
छठ का महापर्व जितना कठिन व्रत है, इसके लिए काफी सारी सामग्रियों की जरूरत होती है. एक अल्प मध्यम आय वर्ग वालों के लिए इस व्रत एवं पूजा का प्रबंधन करना आसान नहीं होता. बेहतर होगा अगर आप किसी ऐसे जरूरतमंद व्रतियों एवं भक्तों की आर्थिक मदद करें. आपको विशेष पुण्य की प्राप्ति होगी.
कुण्डली में सूर्य कमजोर है, तो ये कार्य करें!
अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो छठ पूजा के दरम्यान किसी जरूरतमंद अथवा पंडित-पुरोहित को सवा किलो गुड़ का दान कर दीजिये. सूर्य को अर्घ्य देने से भी कुंडली से सूर्य की स्थिति मजबूत बनती है. ऐसे में अगर आप छठ का व्रत नहीं कर रहे हैं, तब भी इस दिन उदय होते सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य दोष दूर होंगे.
ज्यादा से ज्यादा लोगों को छठ को प्रसाद वितरित करें!
इस छठ व्रत एवं पूजा का सबसे बड़ा विधान होता है, ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण करें. इस बात को ध्यान में रखकर छठ के प्रसाद की मात्रा ज्यादा से ज्यादा रखें, लेकिन ध्यान रखें छठ का प्रसाद जमीन पर अथवा किसी के पैरों के नीचे नहीं आना चाहिए.
नदी अथवा तालाब के तट पर अलाव की व्यवस्था करवाएं!
दीपावली से मौसम में ठंड घुलने लगता है, और छठ आते-आते अच्छी-खासी ठंड शुरू हो जाती है, ऐसे में सूर्यास्त एवं सूर्योदय के समय पानी ठंडा रहता है. भक्तों को ठंड से राहत दिलाने के लिए नदी अथवा तालाब के तट पर अलाव की व्यवस्था करना बड़े पुण्य का काम होता है.