Chhath Puja in Melbourne: छठ पूजा (Chhath Puja ) का त्यौहार केवल बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में ही नहीं विदेशों में भी मनाया जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया (Australia) के मेलबर्न (Melbourne) में भारतीयों की ओर से छठ पूजा का त्यौहार मनाया गया. इस दौरान भोजपुरी गीत और बड़ी तादाद में छठ पूजा में शामिल लोग दिखाई दिए. ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में इस चार दिवसीय पर्व का समापन भव्य रूप से हुआ. सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित करते हुए प्रवासी भारतीयों ने अपनी परंपराओं और संस्कृति के प्रति गहरी आस्था दिखाई.
इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. जहांपर एक झील के किनारे इस त्यौहार को मनाने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए. इस वीडियो (Video) को सोशल मीडिया X पर @PTI_News नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़ेDavid Warner Wishes On Chhath Puja 2024: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वार्नर ने छठ महापर्व पर भारतीय प्रशंसकों को शुभकामनाएं दीं, शेयर किया दिल को छू लेने वाला पोस्ट
मेलबर्न में छठ पूजा
VIDEO | Australia: Devotees celebrate Chhath Puja in Melbourne.
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/fCZY5Qrotb
— Press Trust of India (@PTI_News) October 27, 2025
मेलबर्न में गूंजा 'छठ मइया की जय'
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में भी छठ पूजा का रंग देखने को मिला.यहां भारतीय समुदाय के सैकड़ों लोगों ने सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित किया और पारंपरिक गीतों के साथ पूजा संपन्न की.भारतीय कॉन्सुल जनरल सुशिल कुमार, स्थानीय सांसद ली टारलामिस, तथा समुदाय के कई सदस्य इस उत्सव में शामिल हुए.कार्यक्रम में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) के सहयोग से नीतू कुमारी नूतन के नेतृत्व में आए कलाकारों ने बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की लोक परंपराओं पर आधारित प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया.
छठ पर्व की परंपरा और महत्व
हिंदू पंचांग (Hindu Almanac) के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व मनाया जाता है.यह पर्व चार दिनों तक चलता है , नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के क्रम में.भक्तजन पहले दिन पवित्र स्नान कर सात्विक भोजन करते हैं, दूसरे दिन व्रत रखते हैं और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं.अंतिम दिन उगते सूर्य की पूजा के साथ यह पर्व संपन्न होता है.
प्राचीन काल से चली आ रही सूर्योपासना
छठ पूजा को विश्व के सबसे प्राचीन जीवित पर्वों में से एक माना जाता है.पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम और माता सीता ने अयोध्या लौटने के बाद सूर्य देव की आराधना कर यह पर्व प्रारंभ किया था, ताकि राज्य में समृद्धि और खुशहाली बनी रहे.













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