रांची: सोमवार से शुरू हुए चार दिवसीय छठ व्रत (Chhath Vrat) को लेकर झारखंड (Jharkhand) में आस्था और उत्सव का माहौल है. झारखंड सरकार ने नदियों और जलाशयों पर सार्वजनिक रूप से छठ व्रत करने की अनुमति दी है, लेकिन श्रद्धालुओं और व्रतियों से कोविड-19 (COVID-19) के मद्देनजर कुछ जरूरी गाइडलाइन्स तय की गयी हैं और इनका पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य सरकार ने विभिन्न जिलों के उपायुक्तों से इन गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है. सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट (Disaster Management Act) के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी. Chhath Puja 2021: क्यों करते हैं छठ-पूजा, एवं कौन हैं छठ देवी? जानें इससे जुड़ी रोचक कथाएं?
गाइडलाइन्स के अनुसार छठ घाटों और पूजा स्थलों पर इस बार किसी भी तरह की दुकान और स्टॉल लगाने की इजाजत नहीं दी गयी है. पूजा स्थलों पर आतिशबाजी भी प्रतिबंधित की गयी है. हालांकि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सार्वजनिक पूजा स्थलों, रास्तों और छठ घाटों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर छठ के दूसरे अघ्र्य के दिन सुबह छह से आठ बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति दी है. छठ घाट पर पहुंचनेवाले सभी लोगों से सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन करने को कहा गया है. घाटों पर मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. पानी के अंदर थूकने या कुल्ला करने की सख्त मनाही की गयी है.
इनके अलावा प्रशासन ने सार्वजनिक छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कुछ एहतियाती कदम भी उठाये हैं. नदियों, तालाबों और डैम में गहरे पानी में लोगों को जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग करायी गयी है. बड़े छठ घाटों पर सुरक्षा के लिए नौकाओं और गोताखोरों की भी तैनाती करायी जा रही है. झारखंड की राजधानी रांची में नगर निगम कई कृत्रिम तालाब भी बनवा रहा है, ताकि बड़े घाटों पर लोगों की भीड़ कम की जा सके. तालाबों की सफाई इस बार मशीन के जरिए करायी गयी है. घाटों पर साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं और छठ पूजा समितियों की मदद ली जा रही है. सभी छठ पूजा समितियों को निर्देश दिया गया है कि छठ घाटों पर पूजा के पहले एवं पूजा के बाद साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करायें. इसके अलावा लाइट का भी समुचित प्रबंध करने को कहा गया है. छठ घाटों पर भगदड़ की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए सभी पूजा समितियों को वॉलेंटियर्स तैनात करने को कहा गया है. छठ घाटों पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है.