April Fools' Day 2019: क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल दिवस, जानिए कब और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत?
अप्रैल फूल दिवस 2019 (Photo Credits: File Image)

April Fools' Day 2019: 1 अप्रैल यानी अप्रैल फूल (April Fool) बनाने का दिन... जी हां, हर साल 1 अप्रैल को दुनिया भर में मूर्ख दिवस यानी अप्रैल फूल डे (April Fools' Day) के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हर कोई अपने आस-पास के लोगों को उल्लू यानी मूर्ख बनाने की कोशिश करता है, लेकिन हर कोई इस दिन मूर्ख बनने से बचता हुआ भी दिखाई देता है. 1अप्रैल को लोग एक-दूसरे को बेवकूफ बनाने का भरसक प्रयास करते हैं. फनी प्रैंक्स (Funny Pranks), हल्के-फुल्के जोक्स (April Fools' Jokes) के जरिए एक-दूसरे के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश की जाती है.

हालांकि बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ हैं कि 1 अप्रैल (1st April) को ही अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है और इस इसकी शुरुआत आखिर कब और कैसे हुई थी. तो चलिए जानते हैं अप्रैल फूल डे का इतिहास (History of April Fool's Day).

ऐसे हुई अप्रैल फूल की शुरुआत

इतिहास पर नजर डालें तो 1 अप्रैल के दिन कई ऐसी मजेदार घटनाएं घटीं, जिनके चलते 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे के तौर पर मनाया जाने लगा. हालांकि 19वीं शताब्दी से अप्रैल फूल प्रचलन में है, लेकिन इस दिन कोई सरकारी छुट्टी नहीं होती है. अंग्रेजी साहित्य के पिता ज्योफ्री चौसर की कैंटरबरी टेल्स (1393) एक ऐसा पहला ग्रंथ है, जिसमें 1 अप्रैल और बेवकूफी के बीच संबंध स्थापित किया गया था. यह भी पढ़ें: Gudi Padwa 2019: गुड़ी पाड़वा को क्यों माना जाता है साल का सर्वश्रेष्ठ दिन, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं

अप्रैल फूल से जुड़ी प्रचलित कहानियों के अनुसार, सन 1539 में फ्लेमिश कवि 'डे डेने' ने एक अमीर आदमी के बारे में लिखा था, जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्खतापूर्ण कार्यों को करने के लिए बाहर भेजा. शेर की धुलाई देखने के लिए धोखे से 1 अप्रैल 1698 को कई लोगों को टावर ऑफ लंदन में ले जाया गया. कैंटरबरी टेल्स (1392) की एक कहानी 'नन की प्रीस्ट में 30 मार्च और 2 दिन लिखा हुआ था, जो प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से 32 मार्च हो गया, लेकिन असल में वह 1 अप्रैल का दिन था. इसी कहानी में एक लोमड़ी ने मुर्गे को बेवकूफ बनाया था.

अप्रैल फूल डे से जुड़े दिलचस्प किस्से

1 अप्रैल को लेकर हर देश में अलग-अलग चलन है. कई देशों में इस दिन दोपहर तक ही मजाक किया जाता है. बताया जाता है कि अप्रैल फूल डे की शुरुआत फ्रांस में 1582 में उस समय हुई, जब पोप चार्ल्स 9 ने पुराने कैलेंडर की जगह नया कैलेंडर शुरू किया. कहा जाता है कि इस दौरान कुछ लोग पुरानी तारीख को ही नया साल मनाते रहे और उन्हें अप्रैल फूल कहा गया.

अप्रैल फूल डे मनाने के लिए इटली, फ्रांस और बेल्जियम में कागज की मछली बनाकर लोगों के पीछे चिपका दी जाती है और फिर मजाक बनाया जाता है. स्पेनिश भाषा बोलने वाले कई देशों में 28 दिसंबर को अप्रैल फूल दिवस मनाया जाता है. यहां इस दिवस को डे ऑफ होली इनोसेंट्स कहा जाता है. ईरान में फारसी नववर्ष के 13वें दिन यह दिवस मनाते हैं जो 1 या 2 अप्रैल का दिन होता है. वहीं डेनमार्क में 1 मई के दिन अप्रैल फूल डे मनाया जाता है, जिसे मज-कट कहा जाता है. यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2019: 6 अप्रैल से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, जानें किस दिन करनी चाहिए किस शक्ति की पूजा

गौरतलब है कि 1 अप्रैल के दिन इतिहास में कई फनी घटनाएं घटीं और कई घटनाओं को प्लान किया गया जिसके चलते 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे के तौर पर दुनिया भर में अलग-अलग, लेकिन काफी मजेदार तरीकों से मनाया जाने लगा.