हालिया शोध के रिपोर्ट दर्शाते हैं कि सर्दी के दिनों में हार्ट अटैक का खतरा गर्मियों की तुलना में कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है. विशज्ञों के मुताबिक सर्दियों में स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, ह्रदय संबंधी समस्याओं का आकस्मिक जोखिम ज्यादा होती हैं. दिल्ली के चिकित्सक डॉ जीतेंद्र सिंह के अनुसार अगर सर्दी में आप सुबह-सवेरे व्यायाम कर रहे हैं अथवा वॉकिंग या जॉगिंग के लिए निकल रहे हैं तो इस बात का जरूर ध्यान अवश्य रखें कि आप थोड़ी-सी लापरवाही अथवा गैरजानकारी के कारण अनजाने में हार्ट अटैक को आमंत्रण दे रहे हैं. व्यायाम अथवा जॉगिंग पर जाने से पहले इन बातों का ध्यान रखें.
क्यों सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं?
सर्दी के मौसम में फ्लू के संकुचन के एक सप्ताह के भीतर दिल के दौरे का जोखिम कई गुना ज्यादा हो सकता है. इसलिए ह्रदय की समस्याओं से जूझ रहे व्यक्तियों को सर्दी में खुद को काफी सहेज कर रखना जरूरी है. डॉ. जीतेंद्र सिंह के अनुसार सर्दी में टैंपरेचर गिरने से शरीर में ठिठुरन बढ़ती है; जिसकी वजह से ह्रदय तक रक्त ले जाने वाली नलिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, और ब्लड सर्कुलेट करते समय इन पर अधिक प्रेशर पड़ता है, जिससे मरीज का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है, और हार्ट अटैक की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसलिए अगर आप सर्दी में भी सुबह-सवेरे व्यायाम अथवा पार्क आदि में टहलने के नियम को बिना जोखिम के सुचारु रखना चाहते हैं तो कुछ सुझावों को भी अमल में लाएं. ये आपको हार्ट अटैक की समस्याओं से सुरक्षित रख सकते हैं.
किन्हें ज्यादा सुरक्षा बरतनी चाहिए?
डॉक्टर जीतेंद्र सिंह के अनुसार जिन लोगों को उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) की शिकायत है या जिनके परिवार में पहले से कोई ह्रदय संबंधी बीमारियों से ग्रस्त है, ठंड के दिनों में उन पर हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे लोगों को व्यायाम में सावधानी बरतनी चाहिए. जाने ऐसे लोगों को किस तरह की सावधानियों की दरकार है.
सुबह-सवेरे वॉक पर निकल रहे हैं तो!
अगर आप बारह मास सुबह-सवेरे वॉक अथवा जॉगिंग करते हैं तो आप अपने रूटीन में बदलाव करें. क्योंकि सुबह के गिरे हुए तापमान में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ी हुई होती हैं, जिससे उनकी रक्त ले जाने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी होती हैं, ज्यादा ठंड में निकलने से उन नलिकाओं पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. इसलिए अपने वॉकिंग के समय में परिवर्तन लाते हुए 9-10 बजे के बाद धूप निकलने ही टहलने निकलें. यह भी पढ़ें : Horror Dreams Real Meanings: हॉरर सपनों की क्या है हकीकत? जानें क्या कहता है स्वप्न शास्त्र?
इन सावधानियों के साथ व्यायाम करें
यह सच है कि व्यायाम इंसान को चुस्त-दुरुस्त रखता है. लेकिन गिरते तापमान के बीच कुछ सावधानियां जरूरी हैं. डॉ. जीतेंद्र बताते हैं, -ठंडे मौसम में सांस लेने में दिक्कतें आती हैं, क्योंकि एयर मार्ग पूरी तरह से खुला नहीं होता. इसमें ह्रदय को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, इसके लिए हृदय को ज्यादा श्रम करना पड़ता है, जिससे अन्य मौसम की तुलना में ज्यादा प्रेशर रहता है, इससे कॉर्टिसोल जैसे हारमोन्स का संतुलन बाधित होता है. यहां यह जान लेना जरूरी है कि कार्टिसोल हार्मोन्स तनाव (Stress) को कंट्रोल करता है, लेकिन इसका संतुलन बिगड़ने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इसलिए बेहतर होगा कि व्यायाम शुरु करने से पहले वार्म अप हों, ताकि रक्त वाहिकाओं को सक्रिय बनाया जा सके.
वॉर्मअप होना क्यों जरूरी है?
डॉ जीतेंद्र बताते हैं, -ठंडे मौसम में धमनियों की दीवारें कड़ी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह सुचारु नहीं हो पाता. अगर व्यायाम शुरु करने से पूर्व वॉर्मअप हो जाएं तो रक्त वाहिनियों पर अतिरिक्त प्रेशर बढ़े बिना रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है. इससे ह्रदय पर कम प्रेशर पड़ता है. इसके साथ-साथ वार्मअप के दौरान जहां मसल्स खिंचती है, वहीं शीघ्र ही रिलीफ की पोजीशन में भी आ जाती हैं. इससे उनके चोटिल होने की संभावना कम हो जाती है. इसलिए सर्दी के दिनों में किसी भी प्रकार का व्यायाम शुरु करने से पहले पांच से दस मिनट तक वॉर्मअप जरूर करें.