Bhai Dooj 2019: सनातन धर्म में कार्तिक शुक्लपक्ष की द्वितीया को ‘भाईदूज’ (Bhai Dooj) का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इसे ‘यमद्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है. भाई-बहन के स्नेह एवं प्यार में गुंथे इस पर्व पर बहनें अपने भाई की कुशलता, दीर्घायु एवं अच्छे सेहत के लिए भगवान यमराज से प्रार्थना करती है. इस दिन यमुना नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसी भी मान्यता है कि जो भाई इस पर्व विशेष पर अपनी बहन से स्नेह और प्रसन्नता से मिलता है, उसके घर भोजन करता है, उसे यम अर्थात मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है. इस दिन बहनें अपने भाई को रोली एवं अक्षत का तिलक लगाती हैं और उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद देती हैं और ईश्वर से भी ऐसी ही मनोकामना करती हैं. हमारे ज्योतिषाचार्य यहां बता रहे हैं कि भाई की अच्छी सेहत एवं सुरक्षित जीवन के लिए भाई एवं बहनों को क्या करना चाहिए और किन बातों से परहेज रखना चाहिए.
क्या करें
* भाईदूज पर उपवास रखकर भाई की दीर्घायु एवं कल्याण के लिए ईश्वर से कामना करें.
* यम की पूजा के बाद यमुना एवं चित्रगुप्त जी की पूजा करें.
* भाई को रोली के साथ अक्षत का तिलक लगाते समय ध्यान रहें कि उसमें खंडित चावल नहीं रहे.
* भाई को तिलक लगाते समय ईश्वर से उसकी दीर्घायु एवं स्वस्थ सेहत की प्रार्थना भी करें और अंत में उसकी आरती भी अवश्य उतारें. इससे नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
* बहनों के इस त्याग के प्रतिफल में भाई को भी बहन की सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए और उसे उसकी पसंद के अनुसार उपहार भेंट करना चाहिए.
* शादी-शुदा बहनों द्वारा भाई को घर पर आमंत्रित करने पर भाई को किसी भी कीमत पर बहन के पास अवश्य जाना चाहिए, क्योंकि भाई-बहनों से ही इस पर्व की खूबसूरती नजर आती है.
* मान्यता है कि इस दिन बहन अगर यमुना नदी में स्नान करके भाई को तिलक लगाये तो भाई के सारे दोष मिट जाते हैं.
* तिलक लगने तक बहन ही नहीं भाई को भी उपवास रहना चाहिए और बहन के हाथ का बना खाना खाकर ही अपना उपवास तोड़ना चाहिए.
* बहन जब भाई को तिलक करती है तो उस समय उसे भाई को तांबुल यानी चावल भी भेंट करना चाहिए, कहते हैं इससे बहन का सौभाग्य अखण्ड रहता है.
* ऐसा कहा जाता है कि बहन से तिलक लगवाने के बाद भाई को यमुना जी का जल अपने साथ लेकर आना चाहिए, इससे भाई को यमुना माँ की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त होता है.
* भाई को तिलक करते वक्त इस बात का ध्यान बहन को रखना चाहिए कि भाई का मुंह पूर्व अथवा उत्तर की दिशा में रहे.
* अगर बहन बड़ी है तो बहन के घर से विदा लेते समय भाई को बहन के चरण स्पर्श कर उससे आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए.
* यह पर्व वास्तव में भाई और बहन दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण होता है, इसलिए तिलक से पूर्व दोनों को ही अपने ईष्ट देव की पूजा कर उनसे मनोकामना सिद्धि का आशीर्वाद जरूर लेनी चाहिए.
* भाईदूज का तिलक करने के बाद बहन भाई को अपने हाथों से बना खीर अवश्य खिलाना चाहिए. इससे दोनों के बीच मधुर रिश्ते बने रहते हैं.
क्या न करें
* भाई दूज के दिन अगर बहन ने आमंत्रित किया है तो उस दिन उसे कहीं और भोजन नहीं करना चाहिए. बहन द्वारा तिलक लगाने के बाद ही बहन के हाथ का बना खाना खाकर ही व्रत तोड़ना चाहिए.
* अगर भाई बहन बहुत दूर दूर रहते हैं अथवा किन्हीं आवश्यक कारणों से भाई दूज के दिन आ पाने में असमर्थ हो तो बहन को चाहिए की वह भाई का खाना किसी गाय को खिला दे, और भाई को चाहिए कि वह किसी गाय के समीप ही बैठकर भैयादूज का पहला ग्रास खाना चाहिए.
* इस दिन भाई अथवा बहन को आपस में लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए. अगर किसी कारणवश दोनों के बीच लंबे समय से मतभेद हो तो बहन के घर आमंत्रित किये जाने पर भाई को सारे द्वेश एवं झगड़े भूलकर बहन के घर खाना खाना चाहिए.
* अगर खाना बहुत स्वादिष्ट अथवा मनपसंद का नहीं भी बना हो तो भी भाई को खाने की आलोचना नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसे अन्न देवता का अपमान होता है.
* अगर किसी कारणवश भाई किसी वर्ष उपहार देनें में त्रुटिवश भूलजाता हो या असमर्थ हो तो उसकी आलोचना अथवा खिल्ली नहीं उड़ानी चाहिए.
* भाई दूज पर बहनों को अपने भाई का पसंद का ही खाना बनाना चाहिए.
* भाई दूज पर अपने भाई का तिलक करके उसे मीठा खिलाना न भूलें.
* भाईदूज के दिन तिलक करने के बाद भाई को नारियल भेंट करना ना भूलें. ऐसा करना दोनों के लिए शुभ होता है.
उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म एवं संस्कृति में भाई बहन के रिश्ते को सबसे मधुर और पाक माना गया है. भाई बहन के रिश्ते को सजीव बनाने के लिए हमारे यहां रक्षा बंधन और भाई दूज का पर्व मनाया जाता है.