Dev Uthani Ekadashi 2019: ग्रहों की स्थिति व राशि परिवर्तन से 10 दिन देर से शुरू होंगे मंगल कार्य, जानें विवाह के शुभ मुहूर्त की तिथियां
भगवान विष्णु ( Wikimedia Commons )

Dev Uthani Ekadashi 2019: अमुमन ऐसा होता रहा है कि श्रीहरि यानी भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने के पश्चात शादी-विवाह जैसे मंगलकार्य रुक जाते हैं और कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की देवउठनी एकादशी के दिन जब श्रीहरि योग निद्रा से बाहर आते हैं तो, रुके हुए मंगल कार्यों का सिलसिला पुनः शुरू हो जाता है. लेकिन इस वर्ष कुछ ग्रहों के संयोग ऐसे बन रहे हैं कि 8 नवंबर को देवउठनी एकादशी में श्रीहरि के जागने के बावजूद विवाह आदि के शुभ कार्य 10 दिन बाद शुरू हो सकेंगे. आइए जानें विवाह की तिथियों के विलंब होने के पीछे मुख्य कारण क्या हैं.

देवउठनी एकादशी पर क्यों नहीं हैं शुभ मुहूर्त

देश के प्रख्यात ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष विवाह के कारक ग्रहों के स्थान एवं राशि परिवर्तन के कारण श्रीहरि के जागृत अवस्था में आने के बावजूद वैवाहिक तिथियां थोड़ी विलंब से शुरू हो रही हैं. वस्तुतः देवउठनी एकादशी के ही दिन से शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. क्योंकि कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी वस्तुतः एक अबूझ मुहूर्त मानने के कारण इस तिथि को मांगलिक कार्यों के लिए सर्वाधिक शुभ माना जाता है, लेकिन इस बार वैवाहिक तिथियों के लिए 10 दिन और इंतजार करना होगा. क्योंकि वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है. तुला राशि में सूर्य के होने के कारण हिंदू धर्म में विवाह के योग नहीं बनते. यही वजह है कि देव उठनी एकादशी के 10 दिनों के बाद विवाह का प्रथम मुहूर्त 19 नवंबर को पड़ रहा है. नवंबर में कई तिथियां मांगलिक कार्यों के लिए शुभ बताई जा रही हैं.

कैसे निकालते हैं वर-वधु के विवाह की तिथियां

भावी वर एवं वधु की कुंडली मिलान के बाद भाव व भावेश की स्थिति एवं ग्रहों की स्थिति के अनुरूप ही विवाह के लिए शुभ मुहूर्त की तिथियां निकाली जाती हैं. इस वर्ष देवउठनी एकादशी के पहले विवाह का एक कारक ग्रह बृहस्पति राशि बदलकर 12 साल बाद अपनी ही राशि धनु में आ रहा है. बृहस्पति का धनु राशि में गोचर शुभ माना जाता है. वर्तमान में देवउठनी एकादशी के 9 दिन के बाद ही सूर्य भी राशि बदल रहा है. विवाह का मुहूर्त निकालने से पूर्व वर के लिए सूर्य और कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखी जाती है. इसलिए इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन के कारण ही इस बार विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.

2019 के नवंबर और दिसंबर में बन रहे विवाह के मुहूर्त

नवंबर महीने में: 19,21,22,28,29 और 30 नवंबर

दिसंबर में: 1,5,6,7,10,11 और 12 दिसंबर

इस वर्ष कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की एकादशी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 8 नवंबर को पड़ रही है, जिसे देव प्रबोधिनी एकादशी कहते हैं. इसके बाद 17 नवंबर को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 18 नवंबर से विवाह शुरू हो जाएंगे, जो 14 दिसंबर तक रहेंगे. इस बार मात्र 14 दिन ही विवाह के मुहूर्त निकल रहे हैं. 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास का महीना होने के कारण इन दिनों में विवाह जैसे मंगलकार्य हिंदू धर्म में वर्ज्य रहते हैं.

इसके पश्चात विवाह एवं अन्य हिंदू शुभ कार्यों के लिए अगला मुहूर्त अगले वर्ष 2020 को 14 जनवरी मकर संक्रांति से प्रारंभ होगा.