मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर अधिकांश घरों में तिल-गुड़ के लड्डू, गजक, रेवड़ियां जैसे मीठे पारंपरिक व्यंजन बनाये जाते हैं, ये स्वादिष्ट तो होते ही हैं, साथ ही सेहत की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि मूंगफली और गुड़ में बहुत सारे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं.
प्रत्येक वर्ष माघ मास में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व कभी 14 अथवा 15 जनवरी को पड़ता है. इस वर्ष 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जायेगा. सनातन धर्म के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है. यह पर्व गंगा-स्नान, सूर्य-पूजा, अलाव, दान-धर्म और पतंगबाजी आदि के लिए मशहूर है, लेकिन इस पर्व की जो सबसे खास बात है, वह है इस पर्व से संबद्ध तरह-तरह के मीठे पकवान. इसके बिना मकर संक्रांति की कल्पना भी नहीं की जा सकती. मकर संक्रांति के अवसर पर मूंगफली की चिक्की पारंपरिक व्यंजनों में शुमार होती है. आज बात करेंगे इस स्वादिष्ट व्यंजन के सेहत एवं सौंदर्य से जुड़े तथ्यों पर...
मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू, गजक, रेवड़ी जैसे तमाम मीठे व्यंजन बनाए जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से मूंगफली की चिक्की का कुछ अलग एवं विशेष स्थान है. मूंगफली और गुड़ का योग शरीर को आवश्यक पौष्टिक तत्व प्रदान करता है. गुड़ इम्यूनिटी के लिए अच्छा है जबकि मूंगफली मल त्याग एवं पाचन क्रिया में मदद में मदद करती है. मूंगफली की चिक्की शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करती है. यह भी पढ़ें : Makar Sankranti 2023: उत्तरायण पर काला वस्त्र पहनना क्यों शुभ माना जाता है? जानें आध्यात्म के साथ वैज्ञानिक तर्क भी!
मूंगफली चिक्की के स्वास्थ्य लाभ
* मूंगफली की चिक्की गुड़ से बनी होती है, जो शरीर को आयरन प्रदान करती है. गुड़ वस्तुतः रिफाइंड चीनी का एक अच्छा विकल्प है. मूंगफली की चिक्की एक स्वस्थ नाश्ता है, जिसका सेवन भोजन के बीच में किया जा सकता है. इसके सेवन से पेट ज्यादा समय तक भरा रहा है और समग्र कैलोरी का सेवन करने में मदद करता है.
* चिक्की बच्चों के लिए एक पौष्टिक नाश्ता साबित हो सकता है, क्योंकि यह बच्चों की सेहत और उनके विकास में सहायता करता है. मूंगफली की चिक्की में बेहतर क्वालिटी का अमीनो एसिड मौजूद होता है.
* गुड़ और मूंगफली से बनी चिक्की में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और कई पॉलीफेनोल्स होने के कारण यह डिमेंशिया जैसी बीमारियों पर नियंत्रण रखने में मदद करती है.
* मूंगफली और गुड़ से बनी चिक्की खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती थी, जिससे ह्रदय स्वस्थ एवं रोग मुक्त रहता है.
* मूंगफली एवं गुड़ से बनी चिक्की में एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण यह कोलेजन के उत्पादन में मदद करती है, जिससे त्वचा स्वस्थ एवं स्निग्ध रहती है.
अन्य खाद्य पदार्थों की तरह मूंगफली की चिक्की में भी पर्याप्त कैलोरी होती है, इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए, क्यों ज्यादा मात्रा में मूंगफली की चिक्की खाने से वजन बढ़ता है. हालांकि मकर संक्रांति और लोहड़ी जैसे पर्व पर स्वादिष्ट और मीठी चिक्की सीमित मात्रा में खाया जा सकता है.