लखनऊ 10 फरवरी: कुछ साल पहले तक पिछड़े और उपेक्षित कहे जाने वाले गांवों की सूरत योगी सरकार बदलने जा रही है. इन गांवों में अब बायोगैस,फ्लाई ऐस ब्रिक्स और जैविक खाद्य प्रसंस्करण यूनिट जैसी तमाम इकाइयां लग सकेंगी. बेकार और बंजर पड़े खेतों में बिजली पैदा होगी . यूपी के किसान अनाज के साथ जल्द ही बिजली भी बेचेंगे. योगी सरकार किसानों के गांव में ही उन्हें उद्यमी बनने का अवसर देने जा रही है. सरकार ने कृषि भूमि पर सोलर प्लांट, बायोगैस, फ्लाई ऐस ब्रिक्स और जैविक खाद्य प्रोसेसिंग यूनिट समेत कई नई इकाइयों के लगने का रास्ता साफ कर दिया है.
86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने के साथ यूपी की सत्ता संभालने वाली योगी सरकार किसानों और गांव की अर्थ व्यवस्था को नई मजबूती देने जा रही है. राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में नई इकाइयों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं. बेकार पड़ी जमीनों में किसान अब औद्योगिक इकाइयां लगा सकेंगे. किसान अपनी कृषि भूमि को सोलर प्लांट और बायो गैस समेत अन्य इकाइयां लगाने के लिए लीज पर दे कर भी आमदनी बढ़ा सकेंगे. योगी सरकार वाराणसी से हरिद्वार तक करेगी गंगा एक्सप्रेस-वे का विस्तार, परियोजना से खुलेंगे रोजगार के रास्ते.
राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने सोलर प्लांट के लिए अधिकतम 30 साल की भूमि के निजी पट्टे का प्राविधान तय कर दिया है. जिसके बाद प्रदेश में सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन की उपलब्धता आसानी से हो सकेगी. बयोगैस,फ्लाई ऐस ब्रिक्स और जैविक खाद्य प्रोसेसिंग जैसी अन्य इकाइयों के लिए कृषि भूमि के 30 साल का पट्टा दिए जाने की योजना पर राजस्व विभाग तेजी से काम कर रहा है. Uttar Pradesh: किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम, अन्नदाताओं को गांव-गाव हाट और बाजार उपलब्ध कराएगी योगी सरकार.
औद्योगिक इकाइयों को अपनी जमीन लीज पर देने के साथ ही किसान खुद भी सोलर प्लांट या अन्य इकाइयां लगा कर बिजली उत्पादन समेत अन्य औद्योगिक गतिविधियों में शामिल हो कर खुद को उद्यमी बना सकते हैं . इसके लिए योगी सरकार अलग अलग योजनाओं के जरिये किसानों को लोन और सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही है.
गौरतलब है कि गांव,किसान और उद्योगों की बेहतरी के लिए राज्य सरकार ने राजस्व संहिता में संशोधन कर कृषि भूमियों को गैर कृषि किए जाने की प्रक्रिया 45 दिन में पूरी किए जाने के साथ ही चहारदीवारी की अनिवार्यता को पहले ही समाप्त कर दिया है. भूमि विवाद खत्म करने के लिए वरासत और स्वामित्व योजना के साथ हर गाटे के लिए 16 अंकों के यूनीक कोड की प्रक्रिया भी जारी है.