लखनऊ: उत्तर प्रदेश की महिलाओं व बेटियों को उनकी शक्ति का बोध वृहद अभियान मिशन शक्ति से कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए संकल्पबद्ध हैं. महिलाओं व बेटियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार की स्वर्णिम योजनाएं लागू की गई हैं जिससे महिलाओं का आत्मबल बढ़ा है. प्रदेश की महिलाओं व बेटियों को सीधे तौर पर योगी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. बेटियों व महिलाओं के चौमुखी विकास के लिए उनकी सुरक्षा, शिक्षा, स्वावलंबन, सम्मान, सेहत को केन्द्रित करते हुए योगी सरकार की योजनाओं से प्रदेश की आधी आबादी को प्रोत्साहन मिल रहा है.
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश की उन महिलाओं को सम्मानित किया जिन्होंने योगी सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से न सिर्फ खुद की जिन्दगी में सकारात्मक बदलाव लाए बल्कि दूसरी महिलाओं को भी रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ा. कार्यक्रम में झांसी की रवि रंजना पाल भी उन महिलाओं में से एक थी जिनकी जिन्दगी योगी सरकार की योजनाओं से बदली. उन्होंने कहा कि दुनिया से गुलामी का नाम मिटा देंगें, हर महिला बंधन को हम मिट्टी में मिला देंगें… इस गीत से अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं बेहद खुश हूं कि स्वंय सहायता समूह व राष्ट्रीय आजीविका मिशन से महिलाओं को रोजगार दिलाने संग उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहीं हूं. यह भी पढ़े: Vocal For Local: वाराणसी के विशेष परिधानों की विदेशों में धूम, योगी सरकार की पहल से चमकी कारीगरों की किस्मत
उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर और उनके हाथों सम्मान पाकर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा जय दुर्गा माता स्वंय सहायता समूह से अब तक 62 दूसरी महिलाओं को जोड़कर उनको जैविक खेती, पशुपालन की ट्रेनिंग दे रहीं हूं। इसके साथ ही अब तक 140 से अधिक महिलाओं को रोजगार दिला चुकी हूं। उन्होंने बताया कि प्रतिमाह 32 हजार की आमदनी योगी सरकार की स्वर्णिम योजनाओं से होने लगी है. इसके साथ ही प्रतिदिन 20 से 25 लीटर दूध का उत्पादन कर दूसरी महिलाओं को भी डेयरी के जरिए रोजगार मुहैय्या करा रहीं हूं. मैं अपने गांव में 16 सवंय सहायता समूहों की देखरेख कर रहीं हूं.
बुंदेलखंड में बलिनी मिल्क प्रोडयूसर कंपनी बनाकर बनी आत्मनिर्भर
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ कर महिलाएं कृषि, दुग्ध व मुर्गी पालन जैसे व्यवसायों में पुरुषों को पछाड़ रही हैं। अकेले बुंदेलखंड में 8 हजार समूह की महिलाएं बालिनी मिल्क प्रोडयूसर कंपनी बनाकर 21 हजार लीटर दुग्ध का संग्रह कर रही हैं. वहीं, दस लाख से अधिक महिलाओं को खेती व पशुपालन का प्रशिक्षण देकर आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया जा चुका है.
यूपी ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बुंदेलखंड क्षेत्र में दुग्ध बेचने के लिए महिलाओं ने प्रोडयूसर कंपनी का गठन किया है. जो बुंदेलखंड के 600 सुदूर इलाकों में एनडीएस के सहयोग से डेयरी परियोजना के तहत 3600 स्वयं सहायता समूह की 48 हजार महिलाएं को बालिनी मिल्क प्रोडयूसर कंपनी से जोड़ा जा रहा है. अभी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी चुकी महिलाएं 21 हजार लीटर प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन कर रही हैं.