Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ मेला में दिल को छूने वाली मुलाकातें, 1700 से अधिक बिछड़े श्रद्धालु 'भूले भटके शिविर' के जरिए मिले
Mahakumbh-2025 (img: file photo)

Mahakumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ मेला का आज 15वां दिन चल रहा है. गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है, जिससे कुंभ मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार से बिछड़ गए थे. लेकिन 'भूले भटके शिविर' के जरिए करीब 1700 से अधिक  लोगों को उनके परिवारों से मिलवाया गया है.

 कुंभ मेले में  1,787 अपनों से बिछड़े थे

आंकड़ों पर गौर करे तो  13 जनवरी से 26 जनवरी तक मेला क्षेत्र में कुल 1,787 लोग अपने परिवार से बिछड़े थे, जिनमें 1,067 पुरुष, 710 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल थे. हालांकि, 'भूले भटके शिविर' के माध्यम से ये सभी लोग अपने परिवारों से फिर से मिल गए. यह भी पढ़े: VIDEO: ‘अयोध्या आने से 15-20 दिन बचें’, राम जन्मभूमि में उमड़ी रिकॉर्ड तोड़ भीड़, चंपत राय ने श्रद्धालुओं से की खास अपील

2019 के कुंभ मेला में कुल 44,466 लोग बिछड़े थे

2019 के कुंभ मेला में कुल 44,466 लोग बिछड़े थे, जिनमें 44,383 वयस्क और 73 बच्चे शामिल थे. लेकिन 'भूले भटके शिविर' के जरिए ये सभी पुनः अपने परिवारों से मिल गए थे.हालांकि, इस वर्ष भी नौ लोग अभी भी 'भूले भटके शिविर' में अपने रिश्तेदारों या दोस्तों का इंतजार कर रहे हैं.

1946 में हुई थी भूले भटके शिविर की स्थापना

भूले भटके लोगों को उनसे परिवार से मिलवाने के लिए इस शिविर' की स्थापना 1946 में स्व. राजा राम तिवारी ने की थी, और पिछले 78 वर्षों में इस शिविर ने कुल 15.32 लाख लोगों को, जिनमें 21,836 बच्चे भी शामिल हैं, उनके परिवारों से मिलवाया है.

बिछड़े लोगों में ज्यादातर पुरुष

शिविर के आयोजक उमेश तिवारी ने बताया कि "ज्यादातर पुरुष, जिनकी आयु 40 से 70 वर्ष के बीच है, मेला क्षेत्र में विशेष रूप से संगम नोज के पास अपने परिवारों और समूहों से अलग हो गए थे. वे बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के गोंडा, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर से थे. बाद में इन्हें फिर से उनके परिवारों से मिलवाया गया.

30 स्वयंसेवकों की टीम कर रही है काम

'भूले भटके शिविर' में करीब 30 स्वयंसेवक हैं, जिनकी तीन पीढ़ियां गंगा के किनारे इस काम में लगी हैं.उनका उद्देश्य खोए हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलवाना है। इस वर्ष, वे 'सुरक्षित घर वापसी' के थीम के तहत कड़ी मेहनत कर रहे हैं, और यह 79वां वर्ष है जब स्वयंसेवक खोए हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए कार्य कर रहे हैं. यह शिविर परिवार के मिलन को एक पवित्र कार्य मानते हुए, लगातार सफलता की नई कहानियां लिख रहा है.

26 फरवरी 2025 तक चलेगा महाकुंभ

महाकुंभ मेले के शुरुआत 13 जनवरी से होने के बाद 26 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाने और आस्था की पूजा करने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. महाकुंभ मेले में देश विदेश से करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आनें के उम्मीद हैं.