आर्थिक पैकेज: मोदी सरकार कोयला क्षेत्र में सुधार के लिए देगी 50 हजार करोड़ रुपये, शुरू होगी कमर्शियल माइनिंग
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Twitter)

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार शाम 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज (Economic Package) की चौथी किश्त की घोषणा की. मोदी सरकार ने इस किश्त को कोरना संकट के बीच नए क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों के लिए आवंटित किया गया है. जिससे आर्थिक विकास को बल मिले और अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आज आठ क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसमें कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, एमआरओ, विद्युत वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र, परमाणु ऊर्जा शामिल है. जबकि फास्टट्रैक निवेश के लिए एम्पॉवर ग्रुप ऑफ़ सेक्रेटरीज का गठन किया गया है, जो निजी निवेश को गति देने के लिए काम करेगा. प्रत्येक मंत्रालय में प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल का गठन किया जाएगा. मोदी सरकार ने मजदूरों के जख्मों पर लगाया मुफ्त राशन का मरहम, हर प्रवासी को देगी 2 महीनों तक अनाज, खर्च होंगे 3500 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में से कोयला क्षेत्र में सुधार के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. जबकि कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग शुरू की जाएगी और सरकारी एकाधिकार खत्म किया जाएगा. साथ ही 500 खनन ब्लॉकों को एक खुली और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से दी जाएगी. एल्यूमिनियम उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोयला खनिज ब्लॉकों की एक संयुक्त नीलामी पेश की जाएगी. कोल इंडिया को मिला 2020-21 में 10 करोड़ टन कोयला आयात के बदले घरेलू उत्पादन करने का लक्ष्य

निर्मला सीतारमण ने बताया कि 50,000 करोड़ रुपये का निवेश CIL (कोल इंडिया लिमिटेड) द्वारा 2023-24 तक कोयले के उत्पादन को 1 बिलियन टन तक पहुंचाने और निजी ब्लॉकों द्वारा कोयला उत्पादन के लिए किया गया है.