श्रमिक संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल 28-29 मार्च तक टाली, जानिए इसकी वजह
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 29 जनवरी: केंद्रीय श्रमिक संगठनों (Central trade unions) के एक संयुक्त मंच ने शनिवार को कहा कि उसने महामारी की तीसरी लहर और पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकारी नीतियों के खिलाफ 23-24 फरवरी को प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी हड़ताल एक महीने के लिए टाल दी है.

श्रमिक संगठनों के एक संयुक्त बयान में कहा गया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (सीटीयू) और क्षेत्रीय कर्मचारी संघों एवं संगठनों के संयुक्त मंच की शुक्रवार को हुई एक ऑनलाइन बैठक में दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को 28-29 मार्च तक टालने का फैसला किया गया.

नेशनल कन्वेंशन ऑफ वर्कर्स ने 11 नवंबर, 2021 को तय किया था कि संसद के बजट सत्र के दौरान 23-24 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल आयोजित की जाएगी. साझा बयान के अनुसार, कई राज्यों और क्षेत्रों में हड़ताल की तैयारी शुरू हो गई है, कुछ राज्यों में संयुक्त राज्य स्तरीय सम्मेलन और यहां तक ​​कि जिला स्तरीय सम्मेलन भी हो चुके हैं. हालांकि कई राज्यों ने महामारी की तीसरी लहर के कारण हड़ताल की तैयारियों पर गंभीर बाधाओं के बारे में सूचना दी है.

इसके अलावा उत्तर प्रदेश में चौथे चरण के विधानसभा चुनाव तथा तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में स्थानीय निकाय चुनाव अगले महीने के अंत में होने हैं. ऐसी स्थिति में आम हड़ताल की तारीखों को 28-29 मार्च, 2022 तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. उस समय संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण चल रहा होगा.

बयान के मुताबिक, सीटीयू का संयुक्त मंच हड़ताल को सफल बनाने के लिए मेहनतकश लोगों और उनकी यूनियनों से आह्वान करता है कि वे ‘राष्ट्र को विनाशकारी, राष्ट्र-विरोधी नीति वाले शासन से बचाएं.’’ संयुक्त मंच में इंटक, एटक एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघ एवं संगठन शामिल हैं.

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