नई दिल्ली. अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहनेवाली मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) के हालिया ट्वीट ने उन्हें एक बार फिर सवालों के घेरे पर खड़ा कर दिया है. बताना चाहते है कि लेखिका तस्लीमा (Taslima Nasreen) ने इस ट्वीट में लोगों को सुसाइड करने का आसान तरीका बताया है.पिछले महीने भारत सरकार ने बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) को पड़ोसी देश में रहने की अनुमति अवधि फिर एक साल के लिए बढ़ा दी है.
तस्लीमा (Taslima Nasreen) लिखती हैं, ‘सुसाइड करने के ऐसे बहुत सारे तरीके हैं, जिनकी वजह से इंसान को भयंकर दर्द नहीं झेलना पड़ेगा. तो फिर खुद को फांसी पर लटकाने, नसें काटने, किसी ऊंची बिल्डिंग या पुल से कूदने या फिर जहर खाने या किसी ट्रेन के सामने आ जाने की क्या जरूरत है? मॉर्फिन की अधिक डोज लें और शांति से मरें.’ यह भी पढ़े-बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का रेजीडेंस परमिट एक साल के लिए बढ़ा, गृह मंत्रालय से अवधि बढ़ाने की लगाई थी गुहार
लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) के इस आपत्तीजनक ट्वीट की वजह से उन्हें काफी ट्रोल किया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि मॉर्फिन एक पेन किलर मेडिसिन है लेकिन इसकी अधिक डोज लेने से इंसान की जान भी जा सकती है.
So many painless ways to commit suicide. why hang yourself, drown yourself, or cut your wrist, why jump from the high rise building or the bridge, or swallow pesticide, or poison or why jump in front of an oncoming train? Take the lethal doses of morphine and die peacefully.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 1, 2019
उनके के इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा, ‘मरना हर हाल में दर्दनाक है. इसे जस्टिफाई करने का कोई सही तरीका नहीं है.’
Death in any form is painful ..if not to ones own body then to people around them so there is just no right way to justify this .
— Kriti Singh🦄 (@kritiisingh) August 1, 2019
एक दूसरे ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘ये एक सकारात्मक पोस्ट नहीं है. जिन लोगों ने सुसाइड करना तय किया वो दुनिया से चले गए. वो अब आपका ट्वीट नहीं पढ़ रहे हैं. लेकिन जो लोग इसे पढ़ रहे हैं वो इससे भ्रमित हो सकते हैं.’
no it is not a positive tweet...people who decided to commit suicide are gone, they arent reading your tweet...but people who may be determined, should be told not to commit suicide instead of how to commit suicide.
please tweet responsibly
— arundhati singh (@arunaquar) August 1, 2019
हालांकि इन ट्रोल्स के जवाब में तस्लीमा नसरीन का कहना है कि, ‘मैं लोगों को मरने के उकसा नहीं रही हूं.’
I am not encouraging people to die. I am asking people who decided to commit suicide or who is determined to commit suicide, to get a peaceful way to do it. It is a positive tweet.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) August 1, 2019
गौरतलब है कि पिछले महीने भारत सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि स्वीडेन की नागरिक लेखिका तस्लीमा (Taslima Nasreen) के भारत में रहने की अनुमति अवधि जुलाई, 2020 तक के लिए बढ़ा दी गई. 56 वर्षीय लेखिका, फिजिशियन, नारीवादी और मानवाधिकार कार्यकर्ता के भारत में प्रवास का परमिट वर्ष 2004 से लगातार बढ़ाया जा रहा है.
बता दें कि कथित इस्लाम विरोधी विचार रखने के कारण कट्टरपंथी संगठनों से धमकियां मिलने के बाद तस्लीमा (Taslima Nasreen) ने साल 1994 में बांग्लादेश छोड़ दिया था.