सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेना में स्थाई कमीशन पाने से वंचित रह गई महिला अधिकारियों (Women Officers in Army) की याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने को मंजूरी दे दी है. 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाते हुए महिला अधिकारियों को सेना में मिलेगा स्थायी कमीशन पर मुहर लगा दी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसले पर रोक नहीं लगाई, लेकिन उसके बाद भी केंद्र ने हाईकोर्ट के फैसले को लागू नहीं किया. कोर्ट ने कहा कि महिला अधिकारी स्थायी कमीशन (Commission To Women)की हकदार हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महिला सैन्य अधिकारीयों को कमांड पोस्टिंग मिलनी चाहिए, ये उनका अधिकार है. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले को केंद्र सरकार ने चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा ने कहा कि महिला सेना अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए 2019 की केंद्र सरकार की नीति का निर्णय सभी महिला अधिकारियों पर लागू होगा. यह इसे चुनने वाली किसी भी महिला अधिकारी के लिए लागू होगा और 14 साल की सेवा या उससे ज्यादा समय तक सेवा देने वाली सभी महिलाओं के लिए होगा.
Centre's appeal challenging the Delhi High Court's ruling in 2010, for granting permanent commission to women officers in Army: Supreme Court says that after the judgment of Delhi High Court, Centre should grant permanent commission to women officers. pic.twitter.com/I9rK26I7ox
— ANI (@ANI) February 17, 2020
गौरतलब हो कि पिछले साल सरकार ने संसद को सूचित किया था कि तीनों सेनाओं में 10 हजार से अधिक महिला अधिकारी कार्यरत हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी थी. उन्होंने बताया था कि एक जुलाई 2019 की स्थिति के अनुसार सेना में 6868 महिला अधिकारी हैं जबकि वायुसेना में एक नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार यह संख्या 2302 है. वहीं नौसेना में 15 नवंबर 2019 की स्थिति के अनुसार 1077 महिला अधिकारी कार्यरत हैं.