नई दिल्ली: रिजर्व बैंक 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर कर चुका है. हालांकि, RBI ने इसे बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है. रिजर्व बैंक ने 2000 के नोटों को बिना किसी आईडी प्रूफ और रिक्विजिशन स्लीप के बदलने की सुविधा दी है. लेकिन रिजर्व बैंक के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है और इस पर जल्द सुनवाई की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर एक बार फिर से जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया. How To Exchange Rs 2000 Notes? आरबीआई 2 हजार के नोट लेगी वापस, जानें एक बार में कितना पैसा जमा कर सकते हैं और क्या है अंतिम तारीख, कैसे बदलें.
बिना पहचान पत्र दिखाए 2 हजार रुपये का नोट बदलने के खिलाफ याचिका तुरंत सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है. कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि इससे पहले एक बेंच कह चुकी है कि याचिकाकर्ता गर्मी की छुट्टी के बाद चीफ जस्टिस से सुनवाई का अनुरोध करे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले को लेकर एक याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई अर्जेंसी (तात्कालिकता) नहीं है. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि गर्मियों की छुट्टियों के बाद मामले को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखा जाए. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदाल की वेकेशन बेंच ने कहा, ‘एक दूसरी बेंच पहले पहले ही आदेश दे चुकी है कि इस मामले को समर वेकेशन के बाद मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाए.’
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह अदालत है, सार्वजनिक मंच नहीं और इस मामले को कहीं न कहीं खत्म होना चाहिए. याचिका दायर करने वाले एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने कहा, ‘रिजर्व बैंक गवर्नर ने हाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि सिर्फ 10 दिन में ही 1.8 लाख करोड़ के नोट बदले गए. इतनी बड़ी मुद्रा के नोट बिना किसी आईडी प्रूफ के बदल दिए गए.’ उन्होंने कहा वेकेशन बेंच इस मामले पर सुनवाई नहीं करना चाहती है. जुलाई में जब तक कोर्ट दोबारा खुलेगा, तब तक अपराधियों, नक्सलियों और माफियाओं का पूरा काला धन सफेद हो चुका होगा.