शिवराज सिंह चौहान ने नेहरू को फिर कहा अपराधी
शिवराज सिंह चौहान (Photo Credit- ANI)

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस की ओर से जारी हमलों से बेपरवाह एक बार फिर देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के रवैए को अपराध करार दिया है. चौहान ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को साहसिक फैसला करार देते हुए सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "अपने बयान पर कायम हूं. जो कहा था वह तथ्यों पर आधारित था. पूरी जिम्मेदारी से कहा था, जम्मू-कश्मीर पर पं. नेहरू द्वारा जो गलती की गई थी, उसे प्रधानमंत्री मोदी ने सुधारा है." चौहान ने आगे कहा, "मैं भारतमाता का पुजारी हूं, अपराधी किसी दूसरे को मारने वाला नहीं होता, अगर राष्ट्र के प्रति कोई अपराध करता है तो वह उससे बड़ा अपराध होता है. मैंने जो कहा था, वह तथ्यों के आधार पर कहा था. शेख अब्दुला से विशेष प्रेम के कारण, और कारण हों तो नेहरू जी जानें. कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू किया गया, अनुच्छेद 370 लागू करना एक अपराध था. इसलिए जनसंघ पहले दिन से ही इसका विरोध कर रहा था कि एक देश में दो निशान दो विधान नहीं चलेंगे."

शिवराज यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, "एक और अपराध किया पंडित जी ने, जब भारत की फौजें खदेड़ रही थी पाकिस्तानियों कबाइलियों को, एकतरफा युद्घ विराम कर दिया. अब कांग्रेस को जवाब देना होगा, संसद में राहुल और सोनिया गांधी क्यों नहीं बोले. एकतरफा युद्घ विराम क्यों किया गया, अधीर रंजन चौधरी को डांटने से काम नहीं चलेगा." चौहान ने आगे कहा, "पहले मोदी जी और अमित शाह को अपना नेता मानता था, श्रद्घा की ²ष्टि से देखता था. लेकिन इस कदम (370 हटाने) के कारण उनकी पूजा करता हूं."

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ज्ञात हो कि शनिवार को चौहान ने ओडिशा के भुवनेश्वर में सदस्यता अभियान के तहत कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कथित तौर पर नेहरू को अपराधी बताया था. उन्होंने कहा था, "यह कहते हुए मुझे तकलीफ है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू भी अपराधी हैं कश्मीर की स्थिति के लिए. यह तो आप सब जानते हैं कि रियासतों के भारत में विलय का मामला सरदार पटेल देख रहे थे, लेकिन पं. नेहरू ने कहा कि कश्मीर को मैं देखूंगा, सरदार पटेल ने सारी रियासतों का तो भारत में विलय कर दिया, कश्मीर को पं. नेहरू ने अपने पास रखा. यह कहते हुए तकलीफ होती है कि पं. नेहरू के कारण एक-तिहाई कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं बन पाया."

उन्होंने आगे कहा था, "जब भारतीय सेना कश्मीर में पाकिस्तानियों को खदेड़ते हुए आगे बढ़ रही थी तब नेहरू ने युद्घ विराम की घोषणा की. इतना ही नहीं इस मामले को संयुक्त राष्ट्रसंघ में ले गए."

चौहान ने कांग्रेस का अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया पर भी तंज कसा. उन्हों कहा, "आखिरकार कांग्रेस ने फिर सोनिया गांधी को अध्यक्ष बना दिया, अब कांग्रेस कहां जाएगी, इस मामले में राहुल गांधी की सोच की तारीफ करता हूं कि उन्होंने कहा, कि गैर गांधी लाओ, अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं किया."

राज्य के लोकनिर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है, "अब तो शिवराज के विवेक पर हंसी आने लगी है. वह अपने नेताओं से पूछ लें कि देश की आजादी में किसी ने कुर्बानी दी है? नेहरू ऐसा परिवार है, जिसने देश के लिए कुर्बानियां दी है." कांग्रेस के राज्य मीडिया विभाग की अयक्ष शोभा ओझा ने पूर्व मुख्यमंत्री चौहान के बयान को घोर आपत्तिजनक, निदनीय व भाजपा और उसके मातृ संगठन आरएसएस की घृणित सोच को दर्शाने वाला बताया है. उन्होंने कहा, "सभी जानते हैं कि राजनीति के 'अपराधीकरण' की शुरुआत आरएसएस ने की थी, जिससे संबंधित इस देश के पहले सबसे बड़े 'क्रिमिनल' नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी."