
नई दिल्ली: मोदी सरकार (Modi Govt) द्वारा हाल ही में लाये गए नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन 26 नवंबर से लगातर जारी हैं. शनिवार को पांचवीं बार के वार्ता में कोई हल नहीं निकलने पर किसान नेताओं ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसानों के आंदोलन और भारत बंद (Bharat Bandh) को ट्रेड यूनियन समेत कई अन्य यूनियन के साथ ही विपक्ष की पार्टियां एक के बाद एक अपना समर्थन दे रही हैं. शिवसेना (Shivsena) भी किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए भारत बंद में शामिल होने का ऐलान किया है.
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए रविवार को एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, देश के किसानों द्वारा पुकारे गए राष्ट्रव्यापी बंद को शिवसेना का समर्थन! किसान अन्नदाता हैं, इसलिए उनके प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी के नाते देश की जनता को भी किसानों के बंद में स्वेच्छा से हिस्सा लेना चाहिए. शिवसेना किसानों की मांगों और 8 दिसंबर के भारत बंद में उनके साथ है जय हिंद! यह भी पढ़े: Bharat Bandh: किसानों के भारत बंद का कांग्रेस, लेफ्ट और ट्रेड यूनियनों के अलावा इन विपक्षी पार्टियों ने किया समर्थन
Shiv Sena supports 'Bharat Bandh' called by farmers on December 8, tweets party leader Sanjay Raut pic.twitter.com/kMcre7ZNTy
— ANI (@ANI) December 6, 2020
वहीं इसके पहले विपक्ष की पार्टियों में कांग्रेस समेत दस सहयोगी पार्टियों ने रविवार को किसान, व्यापारी, ट्रेड यूनियन, सरकारी कर्मचारी और अन्य संघों को किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए 8 दिसंबर को भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया. ये दस विपक्षी पार्टियां में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके, एमडीएमके, सीपीआई, सीपीआई (एम), वीसीके, आईयूएमएल, एमएमके, आईजेके और केएनएमएनके के नाम शामिल हैं.
केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी चिंता जताई हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन के बारे में सरकार को जल्द से जल्द विचार करना चाहिए. किसानों के आंदोलन को लेकर एनसीपी पार्टी कार्यालय की तरफ से कहा गया कि पार्टी प्रमुख शरद पवार 9 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे. इस दौरान वे किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति को देश के हालात से अवगत कराएंगे.